Sudeeksha Bhati Death Case: घटना का सच बाहर लाएगा क्राइम सीन रीक्रिएशन, पढ़े क्‍या होता है क्राइम सीन रीक्रिएशन

Sudeeksha Bhati Death Case मेधावी छात्र सुदीक्षा की मौत को लेकर फिलहाल बहस छिड़ी हुई है। परिजन कहते हैं कि छेड़छाड़ के कारण हादसा हुआ। पुलिस कहती है कि यह एक सामान्य हादसा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:00 AM (IST)
Sudeeksha Bhati Death Case: घटना का सच बाहर लाएगा क्राइम सीन रीक्रिएशन, पढ़े क्‍या होता है क्राइम सीन रीक्रिएशन
Sudeeksha Bhati Death Case: घटना का सच बाहर लाएगा क्राइम सीन रीक्रिएशन, पढ़े क्‍या होता है क्राइम सीन रीक्रिएशन

सर्वेंद्र पुंडीर, बुलंदशहर। मेधावी छात्र सुदीक्षा की मौत को लेकर फिलहाल बहस छिड़ी हुई है। परिजन कहते हैं कि छेड़छाड़ के कारण हादसा हुआ। पुलिस कहती है कि यह एक सामान्य हादसा है। जांच को एसआइटी तक का गठन कर दिया गया, लेकिन अभी तक सच्चाई सामने नहीं आई है। इसलिए अब पुलिस ने ठाना है कि आरोपितों को पकडऩे के बाद क्राइम सीन रीक्रिएशन किया जाएगा। इस सीन को करने के लिए घटनास्थल पर पीडि़त और आरोपित दोनों को ले जाया जाएगा। दोनों आरोपितों को बुलट पर सवार किया जाएगा। एक बाइक उनके आगे चलाई जाएगी। इसके बाद ठीक उसी तरह से ब्रेक लगवाए जाएंगे। वहीं, मौके पर आरोपित या फिर पीडि़त कुछ साक्ष्यों के बारे में बताएंगे तो उन्हें जुटाया जाएगा। इसके बाद इन साक्ष्यों को लैब में भेजा जाएगा। लैब से रिपोर्ट आने के बाद घटना की सच्चाई सामने आएगी।

इन प्वाइंट को जानने को करते है क्राइम सीन रीक्रिएशन

- क्राइम सीन करने का मकसद घटना की असल स्थिति साफ करने की होती है।

- घटना स्थल पर पीडि़त और आरोपित दोनों को ले जाया जाता है। वह बताते हैं कैसे घटना हुई।

- दोनों पक्ष खून के निशान, पैरों के निशान, घटना में इस्तेमाल वाहन के बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्या होता है क्राइम सीन रीक्रिएशन

क्या हुआ। कहां हुआ। कैसे हुआ। कब हुआ। किसने किया। क्यों क्या। इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए क्राइम रीक्रिएशन किया जाता है। जिसे क्राइम आफ सीन भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में भौतिक साक्ष्यों के आधार पर अपराध स्थल पर यह तय किया जाता है कि घटना कैसे हुई। किसने की और किस उद्देश्य से की। इस दौरान वैज्ञानिक जांच भी की जाती है। इसके बाद घटनास्थल से उठाए गए साक्ष्यों की लैब में जांच की जाती है। इसके बाद घटना से संबंधित तर्कों के आधार पर एक थ्योरी तैयार की जाती है। जिससे पुलिस केस के फाइनल निर्णय पर पहुंचा जाता है।

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि जब आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा तो पीडि़त पक्ष और आरोपित को घटनास्थल पर ले जाया जाएगा। इसके बाद सीन रीक्रिएशन किया जाएगा। बाद में तथ्यों के आधार पर पुलिस निर्णय लेगी कि हादसा था या फिर कुछ और वजह थी। 

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