श्मशान दे रहा भयावह हालात के प्रमाण
रविवार को भी श्मशान घाट में दारुण दृश्य देखने को मिले।
मेरठ,जेएनएन। रविवार को भी श्मशान घाट में दारुण दृश्य देखने को मिले। वेदियां कम पड़ गई तो लोगों ने जमीन पर ही अंतिम संस्कार किया। हालात यह हो गए कि श्मशान की पार्किंग एरिया में जगह नहीं बची। ऐसे में जो पहले के जले शव थे, उनके फूल भी नहीं चुगे जा सके और स्थान को साफ कराया गया। रविवार को दस से ज्यादा महिलाओं का अंतिम संस्कार हुआ।
साफ-सफाई न होने की स्थिति में और शवों का अंतिम संस्कार मुश्किल था। इस बीच कुछ हृदयविदारक दृश्य भी नजर आए जब व्यवस्था की कमी की वजह से आवारा कुत्ते श्मशान घाट में प्रवेश कर गए और शवों के अवशेषों को खींचते नजर आए। दूसरी ओर, अपनों को खोने के गम में कोई सुबकता नजर आया तो कोई बेसुध दिखा। कुल मिलाकर संक्रमण पर काबू न पाने से स्थितियां बेहद भयावह होने लगी हैं और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण श्मशान में दिख रहा है। बेटे के सिर पर सेहरा देखने से पहले ही तू चली गई
कंकरखेड़ा निवासी सुनील के मुताबिक राजधानी में लाकडाउन लगने की वजह से उनका बेटा राहुल दिल्ली से मेरठ आ गया था। कुछ समय बाद उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। संक्रमण ने उसकी बुजुर्ग मां सुशीला देवी को भी अपनी चपेट में ले लिया। राहुल तो ठीक हो गया लेकिन मां की हालत और बिगड़ गई। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अपनी मां को अंतिम विदाई देकर राहुल की आंखें भर गई। उसने कहा मां तू तो अपने बेटे के सिर पर सेहरा देखने के सपने संजोए थी। लेकिन उससे पहली ही छोड़कर चली गई। आज कितना बेबस हूं मैं।