कोर्ट का बड़ा फैसला : 2002 में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने वाले दो दोषियों को सात-सात साल जेल Muzaffarnagar News

पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला तथा तमंचा फैक्ट्री संचालित करने के मामले में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने गुरुवार को दो आरोपितों को दोषी पाया था। शुक्रवार को सुनवाई उपरांत कोर्ट ने दोनों दोषियों को सात-सात वर्ष कैद की सजा सुनाई।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:52 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 06:52 PM (IST)
कोर्ट का बड़ा फैसला :  2002 में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने वाले दो दोषियों को सात-सात साल जेल Muzaffarnagar News
मुजफ्फरनगर में दो दोषियों को सात - सात साल की सजा ।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला तथा तमंचा फैक्ट्री संचालित करने के मामले में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने गुरुवार को दो आरोपितों को दोषी पाया था। शुक्रवार को सुनवाई उपरांत कोर्ट ने दोनों दोषियों को सात-सात वर्ष कैद की सजा सुनाई। दोनों पर 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार ने बताया कि 23 जून 2002 को थाना सिविल लाइन पुलिस को बझेड़ी फाटक पर चेकिंग के दौरान सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश आसपास ही तमंचा फैक्ट्री संचालित कर रहे हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर संबंधित मकान में छापेमारी की थी तो वहां पर तमंचा फैक्ट्री संचालित होते मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने वहां मौजूद दो आरोपितों को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस ने जवाबी फायरिंग कर दोनों आरोपितों को दबोच लिया था।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार ने बताया कि एक बदमाश की पहचान रईसुद्दीन पुत्र अबलू निवासी तावली थाना शाहपुर तथा मुस्तकीम पुत्र अब्दुल अजीज निवासी गांव शेरपुर थाना शहर कोतवाली के रूप में हुई थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश कोर्ट संख्या-नौ राधेश्याम यादव के समक्ष हुई।

बताया कि न्यायाधीश ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद पेश सुबूत तथा गवाह के आधार पर गुरुवार को दोनों आरोपितों को पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले का दोषी माना था। शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोंनो दोषियों को जानलेवा हमले के मामले में सात-सात वर्ष तथा आयुद्ध अधिनियम में पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई। दोनों पर 20-20 हजार का अर्थदंड भी लगाया।

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