अपने लैब टेक्नीशियन को नहीं बचा पाए, आम मरीजों का क्या हाल होगा

कोरोना ने एक युवा स्वास्थ्यकर्मी की बलि ले ली साथ ही मेडिकल कालेज की असंवेदनशीलता

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 01:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 01:10 AM (IST)
अपने लैब टेक्नीशियन को नहीं बचा पाए, आम मरीजों का क्या हाल होगा
अपने लैब टेक्नीशियन को नहीं बचा पाए, आम मरीजों का क्या हाल होगा

मेरठ,जेएनएन। कोरोना ने एक युवा स्वास्थ्यकर्मी की बलि ले ली, साथ ही मेडिकल कालेज की असंवेदनशीलता को भी बेनकाब कर दिया। अब्दुल्लापुर स्वास्थ्य केंद्र पर लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत 32 साल का युवक अपने इलाज की गुहार लगाता रहा। वीडियो भी जारी किया गया। डाक्टरों की डगर देखते-देखते उसकी आखें बंद हो गईं। आक्सीजन मिला न इलाज। स्वास्थ्य विभाग भी अपने कर्मचारी के साथ इंसाफ नहीं कर पाया। युवक अपने पीछे छह माह के जुड़वां बच्चे छोड़ गया। स्वजन का आरोप है कि उसे ऐसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, जहा आक्सीजन नहीं है, जिससे मौत हुई।

अब्दुल्लापुर स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अंशुल 15 अप्रैल को पाजिटिव मिलने पर मेडिकल कालेज में भर्ती हुआ। वार्ड में भारी भीड़ देखकर सब्र बाधा। दो दिन डाक्टरों का इंतजार किया। रविवार को उसने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जिसमें वो कह रहा है कि..ये मेरे जैसे स्वास्थ्यकर्मी का इलाज नहीं कर रहे हैं, आम आदमी की क्या हालत होती होगी। इस वीडियो में युवक की सास फूलती नजर आ रही है। डाक्टर आते हैं और पल्स देखकर चले जाते हैं। कोई दवा और इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा। वीडियो में उसका दर्द साफ देखा जा सकता है।

बाद में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने मेडिकल कालेज के डाक्टरों से उसके इलाज के लिए कहा। एक दिन रेमेडेसिविर इंजेक्शन भी लगा, लेकिन बाद में कोई देखभाल नहीं हुई। मृतक लैब टेक्नीशियन के साथियों ने ऐसी फोटो वायरल की है, जो वार्ड में अंतिम दिनों की है। यहा आक्सीजन आपूर्ति की कोई पाइपलाइन नजर नहीं आ रही है। उनका आरोप है कि युवक की मौत आक्सीजन न मिलने से हुई है। लैब टेक्नीशियनों में भारी आक्रोश है।

प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड मरीजों की सीसीटीवी से नियमित मानीटरिंग हो रही है। वीडियो का विश्लेषण किया जा रहा है। मौत की वजहों की भी रिपोर्ट तलब की गई है।

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