Corruption In Meerut: चहेतों को बना दिया बीडीओ, एक ब्लाक में खुद भी बन गए, शिकायत के बाद जांच शुरू
Corruption In Meerut मेरठ के जिला विकास अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ तमाम शिकायतों के बाद लखनऊ से ग्राम्य विकास के संयुक्त आयुक्त प्रशासन जांच करने के लिए मेरठ पहुंच रहे हैं। जांच शुरू की जाएगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। जिला विकास अधिकारी दिग्विजय नाथ तिवारी अनियमितता, भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोपों से घिरे हैं। उनके विरुद्ध मुख्यमंत्री, मंत्री और अपर मुख्य सचिव से की गई शिकायत पर जांच शुरू हुई है। जांच करने के लिए लखनऊ से ग्राम्य विकास के संयुक्त आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार सोमवार को मेरठ आएंगे। इस दौरान वे शिकायतकर्ता से साक्ष्य प्राप्त करेंगे साथ ही आरोपी अधिकारी का पक्ष भी जानेंगे।
ये लगाए आरोप
सामाजिक संस्था सजग प्रहरी के जिलाध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने यह शिकायत की है। जिसमें जिला विकास अधिकारी पर शासनादेश और सेवा नियमों के विपरीत कार्य करके घोर वित्तीय हानि पहुंचाने और अनियमितता करने के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि स्थानीय स्तर पर कमिश्नर, डीएम से शिकायत की गई लेकिन जांच को दबा दिया गया। अफसर के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई।
कराई जाएगी निष्पक्ष जांच
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जांच का आदेश दिया है। जिस पर ग्राम्य विकास विभाग के संयुक्त आयुक्त प्रशासन ने खुद मेरठ आकर यह जांच करने की घोषणा की है। जांच के दौरान उन्होंने शिकायतकर्ता और आरोपी अधिकारी दोनों को मौजूद रहने का निर्देश दिया है। मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने इस संबंध में जिला विकास अधिकारी को पत्र भेजकर जांच के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। सीडीओ ने बताया कि जांच निष्पक्ष रूप से कराई जाएगी।
यह हैं आरोप
- चहेते अफसरों को नियमविरुद्ध खंड विकास अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज दिया। एक ब्लाक के खुद बीडीओ बन गए।
- हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी करके विभाग के विरुद्ध आदेश कराना। प्रति शपथपत्र दाखिल करने में जानबूझकर विलंब करना।
- अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के तबादले की कार्रवाई में अपात्रों को भी मनमानी जगह पर तैनात कर दिया।
- महिला उत्पीडऩ किया। जिसकी शिकायतें भी महिला आयोग के माध्यम से जिलाधिकारी के पास पहुंची हैं।
- वर्ष 2018 में विकास भवन के अनुरक्षण के लिए मिले 10 लाख के बजट का टेंडर नहीं किया। चहेतों से काम कराकर कर ली बंदरबांट।
- मृतक आश्रितों को नौकरी देने में विलंब करना।
- टेस्ट में फेल हुए कर्मचारी को प्रोन्नति प्रदान कर दी।