आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार: एक आयुष्मान कार्ड पर 196 सदस्य जोड़ दिए Meerut News
नेशनल एंटी फ्रॉड एजेंसी ने आयुष्मान कार्ड में घपला पकड़ा। झांसी में एक कार्ड पर रिकॉर्ड सदस्य। मेरठ में भी एक कार्ड पर 20 सदस्य जोड़ने वाले पर एफआइआर।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार की विषबेल बहुत लंबी निकली। जहां करोड़पतियों के कार्ड बनाकर गरीबों का हक छीना गया, वहीं एक-एक गोल्डन कार्ड पर 20 से ज्यादा सदस्यों की एंट्री कर दी गयी। गत दिनों मेरठ में निरीक्षण करने पहुंची नेशनल एन्टी फ्रॉड एजेंसी ने मेरठ में खेल पकड़ा तो प्रदेशभर की पड़ताल हुई। झांसी में एक कार्ड पर 196 सदस्यों को जोड़ दिया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से आयुष्मान योजना में ज्यादा लोगों के नाम शामिल कर बड़े पैमाने पर गोल्डन कार्ड बनाए गए। मेरठ में ऐसे हजारों परिवार मिले है। सरकार ने सूबे के सभी सीएमओ को पत्र भेजकर ऐसे नामों की सूची तलब की है।
सदस्यों के नाम जोड़ने में फर्जीवाड़ा
आयुष्मान योजना की मुख्य कार्य पालक अधिकारी संगीता सिंह ने 6 दिसंबर को सभी जिलों को पत्र भेजकर साफ किया है कि गोल्डन कार्ड में नए सदस्यों का नाम जोड़ने में भारी फर्जीवाड़ा हुआ है। झांसी में एक कार्ड पर 196 सदस्यों के नाम जोड़ने को लेकर पूरा चयन ही सवालों के घेरे में आ गया है। संगीता सिंह ने स्पष्ट किया है कि परिवार के 50 फीसद से ज्यादा सदस्यों का नाम कार्ड में जोड़ने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी से अनुमति लेनी होगी। बता दें कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत 2011 की आर्थिक आय के आधार पर पात्रों का चयन हुआ। ग्राम्य विकास विभाग ने सूची उपलब्ध कराया। जिसकी कोई जांच पड़ताल नहीं हुई।
ताक पर रखे मानक
प्रशासन की टीम ने लक्ष्य पूरा करने के लिए मानकों को भी ताक पर रख दिया। सरकारी कर्मचारियों और आयकर भरने वालों के भी कार्ड बनाए गए। आयुष्मान कार्ड में नए सदस्यों का नाम जोड़ने के लिए तय मानकों की भी परवाह नहीं की गई। एंटी फ्रॉड टीम ने हाल में मेरठ में छापेमारी की तो पता चला कि एक आयुष्मान मित्र ने अपने घर के 20 सदस्यों का नाम कार्ड में शामिल करा दिया।
इन्होंने बताया
मैं कल ही इस योजना के शीर्ष अधिकारी से मिलूंगा। जहां तक जानता हूं सभी सरकारी विभागों को भी पत्र भेजकर अपने सदस्यों का नाम सरेंडर करने के लिए कहा गया था।
- डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी
शासन ने कार्ड में नए नाम जोड़ने में बरती गयी अनियमितता का संज्ञान लिया है। मेरठ में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मानकों के विरुद्ध परिवार के सभी सदस्यों का नाम जोड़ दिया गया। जांच की जा रही है।
- डॉ राजकुमार, सीएमओ