निगम कर्यकारिणी की बैठक में 500 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास

मेरठ। नगर निगम प्रशासन की ना के बावजूद महापौर सुनीता वर्मा ने शनिवार को कार्यकारिणी की बै

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Feb 2018 02:56 PM (IST) Updated:Sat, 24 Feb 2018 02:56 PM (IST)
निगम कर्यकारिणी की बैठक में 500 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास
निगम कर्यकारिणी की बैठक में 500 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास

मेरठ। नगर निगम प्रशासन की ना के बावजूद महापौर सुनीता वर्मा ने शनिवार को कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की और नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2017-18 के 500 करोड़ के पुनरीक्षित बजट को स्वीकृति देते हुए बोर्ड बैठक के लिए अग्रसारित कराया। यह बात अलग है कि बैठक में भाजपा का एक भी सदस्य नहीं पहुंचा। नगर आयुक्त और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में नहीं आए इस दौरान हाउस टैक्स और विज्ञापन शुल्क में लक्ष्य से काफी कम वसूली पर पार्षदों ने अफसरों की जमकर क्लास लगाई। पार्षदों ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जिन पर अपर नगर आयुक्त ने जाच का वादा करके हंगामा शात कराया।

नगर निगम के पुनरीक्षित बजट पर चर्चा के लिए महापौर ने 24 फरवरी शनिवार को कार्यकारिणी की बैठक का आदेश दिया था लेकिन निगम प्रशासन ने राष्ट्रोदय कार्यक्रम में व्यवस्था तथा कार्यकारिणी के नव निर्वाचित उपाध्यक्ष इकरामुद्दीन के निर्वाचन की जाच को कारण बताते हुए बैठक टालने का अनुरोध किया था लेकिन महापौर ने बजट को महत्वपूर्ण बताते हुए बैठक आयोजित करने का आदेश दिया था। शनिवार सुबह 11:00 बजे महापौर और बसपा गठबंधन के सातों पार्षद टाउन हॉल के तिलक सभागार में बैठक के लिए पहुंच गए। लेकिन नगर आयुक्त अवकाश पर चले गए, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को बजट पेश करना था लेकिन यह भी अवकाश पर बताए गए। आखिरकार बैठक अपर नगर आयुक्त अली हसन करनी के संचालन में बैठक हुई जिसमें लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी ने पुनरीक्षित बजट पेश किया। बैठक शुरू होते ही पार्षद सविता गुर्जर ने हाउस टैक्स वसूली में 33 करोड़ का लक्ष्य के सापेक्ष मात्र साढ़े 15 करोड़ रुपए ही वसूल करने पर आपत्ति की। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी असीम रंजन ने कार्यकारिणी को गलत जानकारी देने का प्रयास किया जिस पर पार्षद गुस्सा गये। पार्षद धर्मवीर ने साफ कहा कि अधिकारी कार्यकारिणी को भ्रमित करने का प्रयास ना करें। आरोप लगाया कि शहर में 40 फ़ीसदी से ज्यादा भवनों पर हाउस टैक्स नहीं लगाया गया है7

हॉस्पिटल और बड़े बड़े मॉल के कर निर्धारण : पार्षद कासिम ने सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट तथा स्थानीय न्यायालयों में मुकदमे की पैरवी पर 58 लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद मुकदमे हारने पर नाराजगी जताई तथा अधिवक्ता पैनल को बर्खास्त करने की माग की। अपर नगर आयुक्त ने खराब प्रदर्शन वाले अधिवक्ताओं को पैनल से हटाने का आश्वासन दिया। इकरामुद्दीन ने निर्माण कायरें पर अधिक खर्च का आरोप लगाया। जबकि लेखा अधिकारी ने बताया कि निर्माण कार्य पर कुल 82 करोड़ रुपया खर्चा करना था, लेकिन खर्च नहीं हुआ है लिहाजा इस बजट को कम कर दिया गया है। पार्षदों ने बिना अनुमति खर्च पर आपत्ति उठाई। लेखा अधिकारी ने बताया कि बोर्ड की अनुपस्थिति में सभी अधिकार नगर आयुक्त के पास होते हैं। सभी काम उनकी अनुमति लेकर किए गए। जुबेर अंसारी ने विज्ञापन 2 करोड़ 20 लाख की वसूली के लक्षय के सापेक्ष मात्र एक करोड़ 28 लाख की वसूली पर आपत्ति जताई। साथ ही आरोप लगाया कि पूरा शहर अवैध होर्डिग से पटा है फिर भी वसूली न होना अफसरों की मिलीभगत दर्शाता है। उन्होंने अवैध होर्डिंग की सूची कार्यकारिणी के सामने पेश करने का निर्देश दिया। नये वाडरें में सफाई कर्मचारियों की तैनाती करने की भी माग की। पार्षद रंगीता ने वाहनों की मरम्मत पर निर्धारित से अधिक खर्च पर आपत्ति की साथ ही उक्त भुगतान की पत्रावलिया पेश करने का निर्देश दिया। लगभग 35 मिनट में ही सभी मुद्दों पर चर्चा पूरी करके बैठक पूर्ण कर ली गई। 500 करोड़ 8 लाख के बजट बोर्ड के सामने पेश करने के लिए अग्रसारित कर दिया गया।

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