Coronavirus In Meerut: मरीज कम हुए तो क्या...मौत की दर 35 फीसद पहुंची, मई में हैरान कर रहे आंकड़ें
मेरठ के मेडिकल कालेज में बेशक नए मरीजों की संख्या कम हुई है लेकिन मौतों का आंकड़ा दस फीसद तक बढ़ गया। गत दिनों जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने जनप्रतिनिधियों ने मरीजों के इलाज को लेकर सवाल खड़ा किया था। मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
मेरठ, जेएनएन। Coronavirus In Meerut मेडिकल कालेज में बेशक नए मरीजों की संख्या कम हुई है, लेकिन मौतों का आंकड़ा दस फीसद तक बढ़ गया। गत दिनों जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने जनप्रतिनिधियों ने मरीजों के इलाज को लेकर सवाल खड़ा किया था। पिछली लहर में मेडिकल कालेज में मृत्यु दर करीब 20 फीसद थी, जो मई के दूसरे सप्ताह में बढ़कर रिकार्ड 34 फीसद का आंकड़ा पार कर गई। एक से 15 मई तक 146 मरीजों की जान गई है। डाक्टरों का कहना है कि पुराने गंभीर मरीजों की वजह से मौत का आंकड़ा बढ़ा हुआ है।
मिल रहे नए मरीज
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि गांवों में कांटेक्ट ट्रेसिंग की वजह से नए मरीज मिल रहे हैं। संक्रमण दर 15 से 20 फीसद के बीच बनी हुई है। लेकिन मेडिकल कालेज की रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह नियमित रूप से कोविड वार्ड का निरीक्षण कर रहे हैं। वो मरीजों से नियमित रूप से मिल रहे हैं, लेकिन मौतों के बढ़ते आंकड़ों ने इलाज की टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में मौत की सर्वाधिक दर मेरठ में मिली है।
मई माह के बोलते आंकड़े
सप्ताह भर्ती मरीज मौतें मौत की दर
एक से सात मई 277 72 25.99 फीसद
आठ से 14 मई 213 74 34.74 फीसद
इनका कहना है
एल-3 केंद्र होने की वजह से गंभीर मरीज ही मेडिकल कालेज पहुंचते हैं। देर से आने की वजह से ज्यादातर मौतें हुईं। इस लहर में निमोनिया तीन से पांच दिन में ही बन गया। डाक्टरों की टीम पूरी ताकत से मरीजों का इलाज कर रही है। मौतों की वजह का भी विश्लेषण से किया जा रहा है।
- डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज