बेबसी : 12 घंटे के अंदर दो भाइयों की कोरोना से मौत, मां उनके घर आने का अभी भी कर रही इंतजार

कोरोना का कहर देखिए मात्र 12 घंटों के अंतराल में ही दो संक्रमित भाइयों ने अलग-अलग अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उधर अपने बेटों की मौत से बेखबर उनकी वृद्ध और बीमार मां अपने बेटों के ठीक होकर घर आने के इंतजार में बेहाल है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 08:41 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 08:41 AM (IST)
बेबसी : 12 घंटे के अंदर दो भाइयों की कोरोना से मौत, मां उनके घर आने का अभी भी कर रही इंतजार
नोएडा और मेरठ में दो भाइयों की कोरोना से मौत हो गई।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना का कहर देखिए, मात्र 12 घंटों के अंतराल में ही दो संक्रमित भाइयों ने अलग-अलग अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। सूचना पर जुटे गिनती के रिश्तेदारों ने किसी प्रकार छोटे भाई का अंतिम संस्कार किया। बड़े भाई का शव मेडिकल कालेज में ही रखा हुआ है। उधर, अपने बेटों की मौत से बेखबर उनकी वृद्ध और बीमार मां अपने बेटों के ठीक होकर घर आने के इंतजार में बेहाल है। अचानक दो भाइयों की हुई मौत ने स्वजन के साथ रिश्तेदारों को भी हिलाकर रख दिया है।

नेहरू नगर निवासी अरुण सक्सेना के छोटे भाई सचिन सक्सेना गाजियाबाद के विजय नगर में परिवार के साथ रहते थे और मदर डेयरी में कार्यरत थे। सचिन दो सप्ताह पहले कोरोना की चपेट में आ गए। उपचार ने मिलने पर अस्पताल से निराश होने के बाद स्वजन ने उनका घर पर ही रखकर उपचार शुरू कराया। छह दिन पहले स्थिति अधिक खराब होने पर स्वजन अस्पताल की ओर दौड़े। तमाम जगह भटकने के बाद नोएडा के एक अस्पताल में सचिन को भर्ती किया जा सका। लेकिन बुधवार की सुबह सचिन ने अस्पताल में आखिरी सांस ली। मात्र चार रिश्तेदारों ने किसी प्रकार दादरी ले जाकर उनका अंतिम संस्कार किया। उधर, सप्ताह भर पहले बच्चों को कोचिंग देने वाले सचिन के बड़े भाई अरूण सक्सेना भी कोरोना की चपेट में आ गए। स्वजन ने उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया। कभी हालत में सुधार होने की सूचना स्वजन को चिकित्सक देते तो कभी गंभीर होने की। इन सब के बीच बुधवार की शाम छह बजे अरूण की मौत होने की सूचना मेडिकल प्रशासन ने स्वजन को दी। सुबह के समय छोटे भाई की मौत और ठीक 12 घंटे बाद बड़े भाई द्वारा दुनिया को विदा कहने से स्वजन को हिला कर रख दिया है।

मां कर रही पोते से सवाल

अरुण और सचिन की वृद्ध और बीमार मां सावित्री देवी अपने दोनों बेटों का अस्पताल से ठीक होकर आने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। कई बार अरुण के इकलौते बेटे मयंक से मां बेटों के स्वास्थ्य और घर आने के संबंध में सवाल कर चुकी है। पौत्र भी किसी प्रकार अपने दिल पर पत्थर रखकर अपनी दादी को दिलासा दे रहा है। उधर, घटना के संबंध में पड़ोसियों को जानकारी हो जाने के बाद भी कोई ढांढस बंधाने के लिए आगे नहीं आया। महामारी ने दुख बांटने में भी लोगों के हाथ बांध दिए हैं।

सुबह होगा अंतिम संस्कार

अरुण के रिश्तेदार राजू सक्सेना ने बताया कि सचिन की मौत होने की सूचना तमाम रिश्तेदारों और परिचितों को दी गई। लेकिन मात्र चार लोग ही अंतिम संस्कार में शामिल हुए। बड़े भाई अरूण का शव सुबह मेडिकल से लेकर सीधे अंतिम संस्कार को ले जाया जाएगा। कोई अंतिम संस्कार में शामिल होगा इसकी उम्मीद नहीं है। 

chat bot
आपका साथी