Coronavirus: एकेटीयू ने ऑनलाइन कोविड-19 चैलेंज प्रतियोगिता शुरू की, आप भी दे सकते हैं कोरोना से बचाव के सुझाव

कोरोना वायरस से निपटने के लिए एकेटीयू ने ऑनलाइन प्रतियोगिता की शुरू की है। इसमें वायरस से बचाव व नई विचार मांगे गए है कि हम किस माध्‍यम से नई चीजों का खोज कर सकतें हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 01:35 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 01:35 PM (IST)
Coronavirus: एकेटीयू ने ऑनलाइन कोविड-19 चैलेंज प्रतियोगिता शुरू की, आप भी दे सकते हैं कोरोना से बचाव के सुझाव
Coronavirus: एकेटीयू ने ऑनलाइन कोविड-19 चैलेंज प्रतियोगिता शुरू की, आप भी दे सकते हैं कोरोना से बचाव के सुझाव

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर तरह की कोशिश हो रही है। इसमें लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने घरों में रहें। अब इसी क्रम में डा. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) ने छात्र- छात्रओं से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए आइडिया मांगा है। एकेटीयू ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर पूरी जानकारी देते हुए ईमेल भी दिया है। इसमें कोरोना चैलेंज को लेते हुए छात्र- छात्रएं दो अप्रैल तक ऑनलाइन आइडिया सबमिट कर सकते हैं।

छात्र रख सकतें है अपने विचार

एकेटीयू ने कोरोना से छह क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए आइडिया देने को कहा है। इसमें सस्ता और प्रभावी ड्रग, वैक्सीन जिसका साइड इफेक्ट न हो। इस विषय में छात्र आइडिया दे सकते हैं। कोरोना को लेकर फेक न्यूज को रोकने के लिए कोई तकनीकी बता सकते हैं। ब्लैक मार्केटिंग, नकारात्मक व्यवहार को ठीक करने के लिए कोई सुझाव भेज सकते हैं। साथ ही लोगों के घरों तक खाद्यान, दवाएं और दैनिक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए कोई सुगम चैन बनाने का भी आइडिया दे सकते हैं। कोरोना वायरस की जांच के लिए कोई मोबाइल डायग्नोस्टिक किट बनाने का आइडिया भी दे सकते हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस से फ्रंट लाइन पर लड़ रहे लोगों और उनके परिवार की मदद और सुरक्षा के लिए भी कोई आइडिया दे सकते हैं। एकेटीयू ने ऑनलाइन कोविड-19 चैलेंज आइडियाथन नाम से इस प्रतियोगिता को शुरू किया है। दो अप्रैल तक ऑनलाइन ईमेल किया जाएगा।

सुरक्षा पर यूजीसी ने दिया जोर

मेरठ : कोरोना वायरस के रूप में वैश्विक संकट खड़ा हुआ है। जिस कारण देश में लॉकडाउन है। ऐसे दौर में यूजीसी ने छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से अपील की है कि वे धैर्य बनाने के साथ सभी सावधानी बरतते हुए अपना बचाव करें। देश में 40 हजार महाविद्यालयों, 14 लाख शिक्षकों और तीन करोड़ 74 लाख छात्रों से यह अपील की गई है। यूजीसी ने शिक्षकों से अपेक्षा की है कि वे समाज को इस महामारी से बचने के उपायों को बताएं। छात्रों का आह्वान किया गया है कि वे सक्रिय रहकर अपने साथ-साथ बुजुर्गों और छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें।

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