कोरोना की दवाओं ने तो खोखली कर दीं हड्डिया

कोरोना की लहर चली गई लेकिन इस बीमारी ने हड्डियों को भी गला दिया। कोविड में मरीजों ने बड़ी मात्रा में स्टेरायड एंटासिड और दर्दनिवारक दवाओं का सेवन किया। मेडिकल कालेज की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना की वजह से ओस्टियोपोरोसिस के मरीजों की संख्या 60 फीसद तक बढ़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:34 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:34 AM (IST)
कोरोना की दवाओं ने तो खोखली कर दीं हड्डिया
कोरोना की दवाओं ने तो खोखली कर दीं हड्डिया

संतोष शुक्ल, मेरठ : कोरोना की लहर चली गई, लेकिन इस बीमारी ने हड्डियों को भी गला दिया। कोविड में मरीजों ने बड़ी मात्रा में स्टेरायड, एंटासिड और दर्दनिवारक दवाओं का सेवन किया। मेडिकल कालेज की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना की वजह से ओस्टियोपोरोसिस के मरीजों की संख्या 60 फीसद तक बढ़ गई। चिकित्सकों ने इस बीमारी को साइलेंट किलर कहा है। करीब 90 फीसद भारतीयों में विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं।

क्या है ओस्टियोपोरोसिस

हड्डियों के निर्माण की जगह जब इसका क्षय होने लगता है, तो इसे ओस्टियोपोरोसिस कहते हैं। युवाओं में भी फ्रैक्चर का खतरा कई गुना है। 50 साल की उम्र तक पहुंचने के साथ ही महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन्स की कमी होने से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

स्टेरायड से चरमराई हड्डी

हार्मोन्स के चक्र को स्टेरायड गड़बड़ा देता है। एनाबोलिक हार्मोन्स यानी निर्माण करने वाले हार्मोन्स बिगड़ जाते हैं, और हड्डियों का निर्माण बाधित होने से यह कमजोर पड़ जाती है। गांवों में झोलाछाप बुखार व दर्द में स्टेरायड चला देते हैं, जो ओस्टियोपोरोसिस की बड़ी वजह है।

दर्दनिवारक भी देता है दर्द

ज्यादातर मरीजों को पेनकिलर यानी दर्दनिवारक दवाएं दी जा रही हैं, जो दो तरह से हड्डियों को नुकसान पहुंचाती हैं। जहां पेनकिलर हार्मोन्स के चक्र को बिगाड़ता है, वहीं आंतों में अम्ल भी बनाता है, जिसे रोकने के लिए एंटासिड लेनी पड़ती है। शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पाता है।

मोबाइल छोड़ दीजिए

-बच्चों व युवाओं को मोबाइल की लत न लगने दें। बाहृा गतिविधि व खेलकूद से शरीर में रक्त संचार बढ़ेगा, और हड्डियां स्वस्थ होंगी।

-दूध, मीट, मछली व हरी सब्जियों से भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है।

-धूप विटामिन-डी का प्राकृतिक स्रोत है, ऐसे में सर्दी में धूप जरूर सेकें।

यह भी जानें

-35 साल की उम्र तक हड्डियां बढ़ती हैं।

-खानपान से हड्डियों को 45 साल तक मजबूत रख सकते हैं।

-45 साल के बाद हर साल एक फीसद का क्षरण होता है।

-महिलाओं में 50 साल की उम्र तक करीब 40 फीसद में और पुरुषों में 60 साल के बाद 40 फीसद में हड्डियों में ओस्टियोपोरोसिस हो जाता है।

कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों ने दर्दनिवारक, स्टेरायड, एंटासिड व बुखार की दवाओं का खूब सेवन किया, जिससे ओस्टियोपोरोसिस के मरीज तेजी से बढ़े हैं। एंटासिड ने आंतों की लय बिगाड़ी, जिससे कैल्शियम का ठीक से अवशोषण नहीं हुआ। 40 साल की उम्र के बाद हर साल बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं।

डा. ज्ञानेश्वर टांक, विभागाध्यक्ष, हड्डी रोग विभाग डेक्सा स्कैन की रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर युवा फ्रैक्चर के रिस्क जोन में हैं। व्यायाम न करने और फास्टफूड ज्यादा लेने से भी हड्डियां कमजोर हो गई हैं। कैल्शियम, मैग्नीशियम, व खनिजयुक्त खानपान बढ़ाएं।

डा. श्याम मोहन, हड्डी रोग विशेषज्ञ

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