आस्था के आगे कोरोना का डर दरकिनार, गंगा में हुआ दीपदान
मखदूमपुर में गंगा घाट पर रोक के बाद भी लोगों ने दीपदान किया।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर भले ही प्रशासन ने मखदूमपुर गंगा मेला निरस्त कर दिया हो साथ ही दीपदान पर भी पाबंदी लगा दी। लेकिन आस्था के आगे कोरोना का डर और पुलिस-प्रशासन की बंदिश बेअसर हो गए। श्रद्धालु पुलिस से बचते हुए रविवार देर शाम गंगा घाट पर पहुंचे और दीपदान किया। वहीं डीएम ने मखदूमपुर गंगा घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मखदूमपुर गंगा मेला ऐतिहासिक है और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तट पर उमड़ती थी। लोग कई माह पूर्व से ही मखदूमपुर मेले की तैयारियां प्रारंभ कर देते थे। इस बार यह मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया। प्रशासन ने काíतक पूíणमा के स्नान के साथ साथ दीपदान करने पर भी पाबंदी लगा दी। श्रद्धालुओं को गंगा तट तक पहुंचने से रोकने के लिए गंगा मार्गों पर बैरियर लगाकर पुलिस फोर्स तैनात कर दी। जिससे लोगों में संशय की स्थिति रही। परंतु लोगों की आस्था प्रशासन की सख्ती पर भारी पड़ी और लोग खेतों व अन्य मार्गो से होते ही गंगा घाट तक पहुंच ही गए। श्रद्धालुओं ने रीति रिवाजों से दीपदान किया और अपने दिवंगत स्वजन की आत्मा की शांति के लिए कामना की। हालांकि कहीं-कहीं भीड़ होने पर पुलिसकर्मी लाठी फटकार श्रद्धालुओं को हटाते नजर आए।
डीएम ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
जिलाधिकारी के. बालाजी ने रविवार की दोपहर मखदूमपुर गंगा घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय व तहसीलदार मवाना अजय उपाध्याय को श्रद्धालुओं की भीड़ रोकने को निर्देश दिए। वहीं गंगा तट पर एसडीएम, तहसीलकर्मी व पीएसी फ्लड भी तैनात रही।
गन्ने के खेत से हुई दुकानदारी, मनचाहा दाम वसूला
वहीं गंगा किनारे दुकानदारों ने भी मिट्टी के दिए व आसन का मनमाना दाम वसूला। दुकानदार पुलिस के डर से अपना बिक्री का सामान लेकर गन्ने के खेतों घुसे रहे। जब पुलिस चली जाती तभी दुकानदार अपना सामान बाहर निकाल लेते। वैसे अधिकांश लोग प्रसाद आदि की व्यवस्था अपने घर से ही कर लाए थे। इसी बीच श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
लोगों ने नहर में किया दीपदान
उधर, पुलिस ने बूढ़ी गंगा पर दीपदान करने पर सख्ती की तो लोगों ने मध्य गंग नहर में ही दीपदान करना प्रारंभ कर दिया और देखते ही देखते काफी श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हो गई। बूढ़ी गंगा तक जाने के लिए वाहन ले जाने के लिए कई बार लोगों की पुलिस ने नोकझोंक भी हुई। परंतु लोग नहर में ही दीपदान कर लौट गए।