अल्लारक्खा ने कराई कोरोना जांच, गफ्फार के नाम से आई रिपोर्ट, शारजाह नहीं जा पाया युवक Shamli News
जलालाबाद निवासी अल्लारक्खा शारजाह की एक कंपनी में हेल्पर की नौकरी करते हैं। 14 जनवरी को वह अपने घर आए थे और दस अप्रैल को वापस जाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराया था। वापस जाने के लिए कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अनिवार्य है।
शामली, जेएनएन। कोरोनारोधी वैक्सीन के बजाय एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने के बाद एक और लापरवाही सामने आई है। जलालाबाद निवासी एक युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट में दूसरे व्यक्ति का नाम लिख दिया गया। पता और उम्र भी ठीक नहीं थी। ऐसे में वह शारजाह नहीं जा सका।
यह है मामला
जलालाबाद के मंडी भास्कर निवासी करीब 39 वर्षीय अल्लारक्खा पुत्र अय्यूब खान शारजाह की एक कंपनी में हेल्पर की नौकरी करते हैं। 14 जनवरी को वह अपने घर आए थे और दस अप्रैल को वापस जाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराया था। वापस जाने के लिए कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अनिवार्य है और ऐसे में सात अप्रैल को उन्होंने सीएचसी थानाभवन जाकर सैंपल दिया था। आरटी-पीसीआर जांच को सैंपल मेडिकल कालेज मेरठ भेजा था। शुक्रवार शाम को उन्होंने पोर्टल से रिपोर्ट निकाली और देखा कि रिपोर्ट में नाम किसी गफ्फार का लिखा है और मोबाइल नंबर उनका है। उन्होंने रिपोर्ट सही कराने के लिए सीएचसी में संपर्क किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह शनिवार सुबह एयरपोर्ट के लिए निकल गए और रात में दस बजे उनकी फ्लाइट थी। एयरपोर्ट पर रिपोर्ट मांग की गई और नाम व पता पासपोर्ट से मेल नहीं खाया। ऐसे में उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। अल्लारक्खा ने बताया कि सीएचसी में पासपोर्ट से ही जानकारी सैंपल लेते वक्त लिखी थी। टिकट की धनराशि का तो नुकसान हुआ ही है। साथ ही अब पता नहीं, वह कितने दिन बाद शारजाह पहुंचेंगे। प्रशासन से शिकायत भी की जाएगी। उधर अल्लारक्खा की जो रिपोर्ट मिली है, वह निगेटिव है। लेकिन जिस तरह से नाम-पता गलत लिखा है, हो सकता है कि जांच का परिणाम भी गलत हो। हालांकि अल्लारक्खा में कोई लक्षण नहीं हैं।
इन्होंने कहा
अभी तक ऐसा प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है़, लेकिन गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले को दिखवाया जाएगा कि आखिर यह लापरवाही किस स्तर से हुई है।
जसजीत कौर, जिलाधिकारी, शामली