Oxygen Level: कोरोना संक्रमित हैं और आक्सीजन 95-96 है, तो भूलकर भी ना करें ये काम
कोरोना होने पर आक्सीजन 95-97 बनी हुई है तो चलने-फिरने या घूमने की भूल न करें। इससे शरीर की आक्सीजन कम होने लगती है और मरीज को पता ही नहीं चलता। हैपी हाइपोक्सिया यानी गलतफहमी से मरीजों की जान तक जा सकती है।
मेरठ, जेएनएन। अगर आप कोविड मरीज हैं और आक्सीजन 95-97 बनी हुई है तो चलने-फिरने या घूमने की भूल न करें। इससे शरीर की आक्सीजन कम होने लगती है, और मरीज को पता ही नहीं चलता। हैपी हाइपोक्सिया यानी गलतफहमी से मरीजों की जान तक जा सकती है। डाक्टरों का कहना है कि कोविड मरीज को बिना घूमे-टहले घर में बैठकर प्राणायाम यानी गहरी सांस लेने का अभ्यास करना फायदेमंद है।
यह है विशेषज्ञ की राय...
न्यूटीमा अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डा. विश्वजीत बेंबी का कहना है कि कोविड मरीजों में हाइपोक्सिया यानी आक्सीजन की तेजी से कमी होती है। साइलेंट हाइपोक्सिया के शिकार मरीजों में आक्सीजन कई बार 70-80 के बीच तक पहुंच जाती है, और उसे पता नहीं चलता। कई मरीजों के साथ हादसा भी हुआ है। जिन मरीजों की आक्सीमीटर जांच में आक्सीजन 95 फीसद से ज्यादा मिल रही थी, जब उनकी आर्टयिल ब्लड गैस एनालसिस-किया गया तो ब्लड में आक्सीजन की कमी हो चुकी है। इसकी मात्र 83 से ज्यादा होनी चाहिए। डा. बेंबी ने बताया कि आइसीयू में भर्ती या कम आक्सीजन सेचुरेशन वाले मरीजों को काबरेहाइड्रेड एवं शुगर का सेवन मना किया जाता है। क्योंकि उन्हें स्टेरायड देने पर शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है। इसीलिए वसायुक्त खानपान से भी बचना होता है।