मेरठ में कोरोना से मुकाबला : बुखार की काट बना आयुर्वेदिक औषधि का नुस्खा, जानिए इसके बारे में
कोरोना संक्रमण की समय से रोकथाम कर उससे होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना के लक्षण जैसे बुखार गले में खराश आदि दिखाने पर तुरंत जांच कराएं। खुद को परिवार से अलग कर लें। आयुर्वेदिक चिकित्सक ने कई राय रखी हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में इनदिनों कोरोना को लेकर हर कोई परेशान है। कोरोना संक्रमण की समय से रोकथाम कर उससे होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश आदि दिखाने पर तुरंत जांच कराएं। खुद को परिवार से अलग कर लें। यह बातें वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. आलोक शर्मा ने कहीं। उन्होंने बताया कि वह इन दिनों सेवा भारती, रोटरी क्लब के साथ टेलीमेडिसिन के द्वारा अलग-अलग जगहों के होम आइसोलेट कोरोना और अन्य मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लक्षण आने के बाद भी लोग स्वयं को घर के सदस्यों से अलग नहीं कर रहे।
नहीं उतर रहा बुखार तो अपनाएं यह नुस्खा
डा. आलोक ने बताया अगर बुखार न उतर रहा हो तो आयुर्वेद का एक नुस्खा काफी उपयोगी साबित हो रहा है। इसमें चार ग्राम तालिसादी चूर्ण, अभ्रक भस्म 125 मिग्रा. और टंकण भस्म 250 मिग्रा. को मिलाकर शहद के साथ रोगी को तीन से चार बार दें। ध्यान रहे यह नुस्खा एक दिन के लिए है। इसके साथ ही अगर रोगी वयस्क है और उसे 100 से ऊपर बुखार है तो महासुदर्शन घनवटी की दो-दो गोली दिन में तीन से चार बार दें।