Corona In Meerut: हैरत की बात, दस दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 2607 पाजिटिव मामले
पंचायत चुनाव के बाद एकाएक ग्रामीण क्षेत्र में बीमार लोगों की संख्या बढऩे पर प्रदेश सरकार के आदेश पर पांच मई को जांच अभियान शुरू किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दस दिनों में करीब 3.10 लाख घरों का सर्वे कार्य किया गया ।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में ग्रामीण आंचल में कोरोना वायरस का प्रसार होने से अब संक्रमितों की संख्या लगातार बढऩे लगी है। पिछले दस दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में चलाएं गए अभियान के दौरान 2607 सक्रिय केस सामने आ चुके हैं। जिनको होम आइसोलेशन में रखकर उपचार किया जा रहा है। जनपद के सभी 12 विकास खंड में अभियान के दौरान जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। हालांकि सामने आ रहे संक्रमितों की निगरानी और उपचार में लापरवाही के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
यह है हालात
पंचायत चुनाव के बाद एकाएक ग्रामीण क्षेत्र में बीमार लोगों की संख्या बढऩे पर प्रदेश सरकार के आदेश पर पांच मई को जांच अभियान शुरू किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दस दिनों में करीब 3.10 लाख घरों का सर्वे कार्य किया गया और लक्षण मिलने पर मरीजों का कोविड टेस्ट किए गए। जांच के दौरान 2607 सक्रिय केस सामने आए। जबकि सात हजार से अधिक मरीजों में कोरोना के लक्षण मिलने पर उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया। कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए दस हजार लोगों की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच भी की गई और इतने ही लोगों को मेडिकल किट का वितरण किया। पहले अभियान 12 मई तक चलाया जाना था। लेकिन संक्रमितों की बढ़ती संख्या और गांवों को वायरस से बचाने के लिए अभियान को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया।
हस्तिनापुर सबसे बेहतर, दौराला की हालत खराब
ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियान के दौरान सामने आया कि सबसे बेहतर स्थिति हस्तिनापुर विकास खंड क्षेत्र की है। यहां अभियान के दौरान मात्र 21 सक्रिय केस सामने आए। जबकि दूसरे नंबर पर माछरा विकास खंड रहा। यहां भी 80 सक्रिय केस मिले। लेकि सबसे खराब हालत दौराला विकास खंड की निकली। यहां जांच के दौरान 426 सक्रिय मामले सामने आए। जबकि खराब स्थिति में दूसरे नंबर पर सरुरपुर विकास खंड रहा। यहां भी सक्रिय मामलों की संख्या 355 रही। ऐसे ही सरधना में भी 311 मामले सामने आए।
इनका कहना है
ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण रोकने के लिए जांच मो की ही जा रही है, साथ ही साफ-सफाई के लिए भी गांव-गांव अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों कोजागरूक भी किया जा रहा है। जहां अधिक सक्रिय मामले सामने आए हैं वहां अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
- शशांक चौधरी, सीडीओ