Corona Fighters of Meerut: दो बार संक्रमित हुईं लेकिन नहीं टूटी हिम्‍मत, करती रहीं मरीजों की सेवा

कोरोना के बढ़ते केस और हर मिनट पर भर्ती होने आ रहे गंभीर मरीजों के आगे Meerut LLRM मेडिकल कालेज की व्यवस्था बेपटरी हो रही है लेकिन वहां के चिकित्सक व अन्य स्टाफ पूरी क्षमता के साथ मरीजों की सेवा में जुटा है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 03:38 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 03:38 PM (IST)
Corona Fighters of Meerut: दो बार संक्रमित हुईं लेकिन नहीं टूटी हिम्‍मत, करती रहीं मरीजों की सेवा
दो बार संक्रमित होने के बाद भी इनकी हिम्‍मत नहीं टूटी।

[नवनीत शर्मा] मेरठ। कोरोना के बढ़ते केस और हर मिनट पर भर्ती होने आ रहे गंभीर मरीजों के आगे Meerut LLRM मेडिकल कालेज की व्यवस्था बेपटरी हो रही है, लेकिन वहां के चिकित्सक व अन्य स्टाफ पूरी क्षमता के साथ मरीजों की सेवा में जुटा है। नर्सिग अफसर शैर्ली और स्टाफ नर्स सुनीता भी अपनी परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा में जुटी हैं। वे खुद दो बार संक्रमित हो चुकी हैं।

शैर्ली भंडारी पिछले साल सितंबर में कोरोना संक्रमित हो गई थीं। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच से उन्होंने कोरोना को हरा दिया और फिर से काम पर लौट आईं। इस साल 20 अप्रैल को फिर वह संक्रमण की चपेट में आ गईं। उन्होंने खुद को होम आइसोलेट कर लिया और चिकित्सक की सलाह पर उपचार शुरू किया। दो सप्ताह घर पर रहीं और अब उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। कोरोना मुक्त होते ही शैर्ली फिर से अपने काम पर लौट आई हैं। शैर्ली बताती हैं कि संक्रमित होने पर खुद को सकारात्मक रखना सबसे अधिक जरूरी है। चिकित्सक की सलाह मानेंगे तो कुछ गलत नहीं होगा। उधर, स्टाफ नर्स सुनीता सिंह तोमर की कहानी भी शैर्ली जैसी है। सुनीता में भी काम के दौरान दो बार कोरोना के लक्षण आ चुके हैं। लेकिन उन्होंने बिना घबराए अपना काम जारी रखा और दूसरों को भी सकारात्मक सोच के साथ रहने की सीख दी। दोनों मिलकर मरीजों को भी सकारात्मक रहने और कोरोना को हराने के लिए प्रेरित करने में जुटी हैं।

घर पर प्रोटोकाल पूरा कर दी कोरोना को मात

मवाना के रहने वाले सौरभ यूनियन बैंक में कार्यरत हैं। कोरोना को मात देकर वह अपने कार्य पर लौटे हैं। उन्होंने घर पर रहते हुए कोविड के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कोरोना को मात दी। उनका कहना है कि कोविड पाजिटिव होने के बाद भी घबराने की जरूरत नहीं है। घर पर रहते हुए जो भी प्रोटोकाल सरकार ने बताया है उसका पालन करने से भी ठीक हो सकते हैं।

ये करते थे उपाय

26 वर्षीय सौरभ ने बताया कि 16 अप्रैल को पेट में दर्द हुआ। कंकरखेड़ा कैलाशी अस्पताल में दिखाया। जांच में कोविड पाजिटिव आ गया। उस समय टेंशन रहा लेकिन डाक्टर से दवा लेकर उनकी सलाह पर होम आइसोलेशन पर रहा। घर में खुद को अलग करते हुए अलग कमरे में रहा। जहां शौचालय की व्यवस्था थी। घर में भी मास्क लगाए रखा। सैनिटाइजर का प्रयोग किया। गुनगुना पानी पीता रहा, नियमित रूप से डाक्टर से बताई गई दवाई ली। तीन मई को दोबारा से टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। सौरभ का कहना है कि इस समय मास्क का उपयोग करना जरूरी है। नियमित अंतराल पर हाथ भी धोते रहें। शारीरिक दूरी रखते हुए गलब्स पहनें तभी अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर पाएंगे। 

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