Corona Effect: कोरोना काल में सहारनपुर के ब्लड बैंकों में खून की कमी,पढ़िए क्या रही मुख्य वजह
Corona Effect सहारनपुर में डेंगू का भी प्रकोप चल रहा है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इस समय निगेटिव खून की कमी पड़ गयी है। जिस कारण थैलेसीमिया के बच्चों और अन्य मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसका अभी कोई समाधान नहीं है।
सहारनपुर, जेएनएन। Corona Effect कोरोना ने दूसरी लहर में लोगों की जान ही नहीं ली, बल्कि अभी तक भी कोरोना का असर कई चीजों पर असर डाल रहा है। जिले में भले ही अब कोरोना के केस न हो, लेकिन कोरोना के कारण जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पर बड़ा असर पड़ रहा है। इस समय ब्लड बैंक में खून की किल्लत चल रही है। इसकी मुख्य वजह लोगों को टीका लगना है, डॉक्टर उन लोगों को सलाह दे रहे है, जो टीका लगवा रहे है कि 35 दिन तक ब्लड किसी को नहीं दे सकते।
ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट
दरअसल, इस समय कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी चल रही है। डेंगू का भी प्रकोप चल रहा है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इस समय निगेटिव खून की कमी पड़ गयी है। जिस कारण थैलेसीमिया के बच्चों और अन्य मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट है। लेकिन सोमवार शाम तक 39 यूनिट ही खून बचा है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब ब्लड बैंक के पास एक दिन का ही स्टॉक है। बता दे कि जिले में थैलेसीमिया के 112 बच्चे बीमार है। जिनमें करीब 97 पॉजिटिव व 15 निगेटिव ग्रुप है।
यह हैं हालात
ऐसे में निजी ब्लड बैंकों से खून मंगवाकर थैलेसीमिया के मरीजों को चढ़ाना पड़ रहा है। खून की ये श्रेणी एकदम खत्म जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में A,AB व O निगेटिव खून शून्य है। जबकि B निगेटिव की एक ही यूनिट बची हुई है। बता दें कि ब्लड बैंक से प्रतिदिन 25 से 30 यूनिट ब्लड मरीजों को दिया जाता है। जबकि प्रतिदिन थैलेसीमिया के मरीजों को ब्लड देने का एवरेज 10 से 15 यूनिट है।
कोरोना का टीका लगने के कारण कम पड़ा खून
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रभारी डा.वीके दत्त का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन चल रहा है। ऐसे में ब्लड बैंक में खून का संकट गहरा गया है। पहली और दूसरी डोज लगने के 35 दिन बाद ही ब्लड लिया जा सकता है।
ब्लड बैंक में यह है स्थिति
सरकारी ब्लड बैंक-बालाजी चैरिटेबल-तारावती-सिटी
A पॉजिटिव- 16--------26------------11-----10
B पॉजिटिव- 05-------134------------34-----52
AB पॉजिटिव- 14-------20------------02----03
O पॉजिटिव- 04--------19-------------22----40
A निगेटिव- 00---------00-------------00----00
B निगेटिव- 01---------04-------------03----03
AB निगेटिव- 00-------00-------------00----00
O निगेटिव- 00---------02-------------02----00
इनका कहना है
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रभारी डा.वीके दत्त का कहना है कि कोरोना काल से लेकर अब तक किसी भी मरीज को ब्लड के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ी है। ब्लड को लेकर जो कमी आई है उसका बड़ा कारण वैक्सीनेशन है। क्योंकि पहली और दूसरी डोज लगने के 35 दिन बाद ही ब्लड लिया जा सकता है। ब्लड कैंपों में भी यदि 100 लोग आते हैं, उनमें 60 के करीब लोगों में 35 दिन की गाइडलाइन पूर्ण नहीं हो पाती है। ऐसे में रक्तदाताओं को लौटाना पड़ता है।
प्लेटलेट्स की जरूरत
फैमिली ऑफ ब्लड डोनर ट्रस्ट के संस्थापक तरुण भोला का कहना है कि सहारनपुर में मरीजों को ब्लड के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि डेंगू और वायरल का सीजन चल रहा है। ऐसे में प्लेटलेट्स की जरूरत अधिक पड़ती है। जिसके लिए ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेट करने की अपील की है।