Corona Effect: एमडीए के 22 हजार आवंटियों को मिलेगा अनुरक्षण शुल्क में ब्याज माफी का लाभ

Corona Effect मेरठ में अनुरक्षण शुल्क को समय से न जमा करने के कारण ब्याज दंड लगाया गया है तो इस योजना के तहत ब्याज पूरी तरह से माफ रखा जाएगा। सिर्फ शुल्क का मूल बकाया ही वसूला जाएगा। इससे आवंटियों को फायदा होगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 11:30 PM (IST)
Corona Effect: एमडीए के 22 हजार आवंटियों को मिलेगा अनुरक्षण शुल्क में ब्याज माफी का लाभ
एडीएम की ब्याज माफी योजना शुरू, भेजे जा रहे कंप्यूटराज्ड नोटिस।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ विकास प्राधिकरण ने अनुरक्षण शुल्क में ब्याज माफी योजना की शुरुआत कर दी है। इससे 22 हजार आवंटियों को लाभ मिलेगा। इसका निर्णय इस साल अप्रैल माह में हुआ था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के आ जाने से कामकाज प्रभावित रहा। जिसकी वजह से अब इसकी शुरुआत हो पाई है। यदि अनुरक्षण शुल्क को समय से न जमा करने के कारण ब्याज दंड लगाया गया है तो इस योजना के तहत ब्याज पूरी तरह से माफ रखा जाएगा। सिर्फ शुल्क का मूल बकाया ही वसूला जाएगा।

आवंटियों ने बकाया नहीं किया जमा

दरअसल, एमडीए अनुरक्षण शुल्क में देरी की वजह से 18 फीसद ब्याज लेता रहा है। पिछले साल ब्याज दर घटाकर छह फीसद कर दिया गया। इसके बाद भी बड़ी संख्या में आवंटियों ने बकाया जमा ही नहीं किया। करीब दो साल पहले एमडीए की ओर से भेजे गए बिल ने आवंटियों के होश उड़ा दिए थे। किसी को 70 हजार तो किसी को 80 हजार का बिल भेजा गया था। इसको लेकर अधिकांश कालोनियों में विरोध भी हुआ था। कुछ लोगों का तर्क था कि बिल जमा करते रहे हैं तो फिर भारी-भरकम बिल कैसे आ गया। वहीं कुछ का तर्क था कि जब कभी बिल आया ही नहीं तो अब अचानक हजारों का बिल क्यों भरें।

नए सिरे से कंप्यूटराइज्ड बिल

बहरहाल, एमडीए ने सहूलियत दी है कि जिनके पास पिछले बिल की जो भी रसीद है उसे इस बार जमा करते समय दिखा दें। ताकि कंप्यूटराज्ड बिल से उस राशि को घटा दिया जाए। दरअसल, पुराने बकाया के साथ ही पिछले एक साल के बकाया को जोड़ते हुए नए सिरे से कंप्यूटराइज्ड बिल भेजा जा रहा है। कोरोना काल की वजह से एमडीए ने एक साल से किसी आवंटी को अनुरक्षण शुल्क का बिल नहीं भेजा था।

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