Meerut में एक माह में 18 गुना जान ले गया कोरोना, मई में अबतक 126 मौतें, सप्ताहभर में 70
कोरोना संक्रमण के दौरान किसी धोखे में मत रहिएगा। दूसरी लहर अभी बेहद खतरनाक बनी हुई है। एल-3 केंद्र मेडिकल कालेज में नए मरीजों की संख्या में गिरावट के बावजूद मौतों का आंकड़ा थम नहीं रहा। एक से 12 मई के बीच 126 की मौत हो गई हैं।
[संतोष शुक्ल] मेरठ। कोरोना संक्रमण के दौरान किसी धोखे में मत रहिएगा। दूसरी लहर अभी बेहद खतरनाक बनी हुई है। एल-3 केंद्र मेडिकल कालेज में नए मरीजों की संख्या में गिरावट के बावजूद मौतों का आंकड़ा थम नहीं रहा। मरीजों में रक्त का थक्का बनने से हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक से भी मौतें हो रही हैं। निमोनाइटिस मौत की सबसे बड़ी वजह है, जबकि साइटोकाइन स्टार्म ने भी मरीजों की जान ली। एक से 12 अप्रैल के बीच सिर्फ सात की जान गई थी, वहीं एक से 12 मई के बीच 126 की मौत हो गई।
मौत की दर 28 फीसद से ज्यादा
कोरोना महामारी की पहली लहर में मेडिकल कालेज में जून 2020 एवं सितंबर में सबसे ज्यादा मरीजों की जान गई। इन दोनों महीनों में संक्रमण तेजी से बढ़ा था। इस दौरान एक सप्ताह में सर्वाधिक 46 मरीजों की मौत दर्ज हुई थी, जो इस बार अप्रैल के अंत और मई के प्रथम सप्ताह में 80 के आसपास पहुंच गई। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि एक से 12 मई के बीच 441 मरीज भर्ती हुए,और इस दौरान 126 की मौत हो गई। मौत की दर 21 से बढ़कर 28.57 फीसद तक पहुंच गई। मरीजों में तीन दिन में खतरनाक निमोनिया देखा जा रहा है। छाती का एक्स-रे और सीटी स्कोर खराब मिल रहा है। मरीजों की ब्लड जांच कराने पर डी-डाइमर, सी रिएक्टिव प्रोटीन, फेरटिन एवं आइएल-6 जैसे खतरनाक मार्कर बढ़े मिल रहे हैं। इन्फ्लामेटरी मार्करों के बढ़ने से कई मरीजों में साइटोकाइन स्टार्म बना, और मल्टी आर्गन फेल्योर से मरीज मर गए। वहीं, मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में डयूटी करने वाले फिजिशियन डा. अनिरुद्ध गुप्ता ने बताया कि नया म्यूटेंट तीन दिन में आक्सीजन लेवल गिरा रहा है। कई मरीजों में स्टेरायड जल्द देनी पड़ी। एल-3 केंद्र होने की वजह से मरीज देर में पहुंचते हैं, इस वजह से भी मौतों का आंकड़ा बढ़ा। आक्सीजन स्तर बढ़ाने और सूजन कम करने के लिए स्टेरायड चमत्कारी साबित हुई है।
यह लहर पिछली बार से कई गुना बड़ी है। नए मरीजों में कमी आई है, लेकिन भर्ती मरीजों में कई गंभीर हैं। इस माह मौत की दर 28 फीसद है। 20 मई के बाद स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज
भर्ती में कमी पर मौतें बढ़ती रहीं
मई-तारीख >>नए भर्ती मरीज>>मौतें
एक>>40 >>12
दो >>28 >>11
तीन >>52 >>12
चार >>47 >>08
पांच >>43 >>10
छह >>30 >>10
सात >>37 >>09
आठ >>56 >>11
नौ >>40 >>10
10>>27 >>08
11 >>16 >>13
12 >>25>>12