लॉकडाउन में पटरी से उतरे विकास के प्रोजेक्ट पकड़ने लगे गति, आइटी पार्क में शुरू होगा निर्माण Meerut News
पटरी से उतरे विकास के प्रोजेक्ट अब गति पकडऩे लगे हैं। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे और रैपिड रेल के बाद वेदव्यासपुरी में आइटी पार्क के भवन के शेष निर्माण की भी अनुमति मिल गई है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन में पटरी से उतरे विकास के प्रोजेक्ट अब गति पकडऩे लगे हैं। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे और रैपिड रेल के बाद शनिवार को वेदव्यासपुरी में आइटी पार्क के भवन के शेष निर्माण की भी अनुमति मिल गई। रोहटा मार्ग पर आबादी क्षेत्र में पांच किमी की सीमेंटिड रोड, शामली-करनाल हाइवे पर नानू से सरधना तक की सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी होगा। सरधना नगर पालिका क्षेत्र के 80 विकास कार्यों के साथ 85 कार्यों की अनुमति दी गई है।
धीरे-धीरे गतिविधियां शुरू
कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए देशभर में लॉकडाउन हुआ तो निर्माण कार्य भी ठहर गए। अब धीरे-धीरे गतिविधियां शुरू हुई हैं। निर्माण कार्यों को अनुमति देने वाली समिति के अध्यक्ष एडीएम प्रशासन रामचंद्र तथा सदस्य सचिव परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण भानूप्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि वेदव्यासपुरी में निर्माणाधीन आइटी पार्क के भवन तथा परिसर में बैंक के भवन निर्माण के लिए एसटीपीआइ को अनुमति दी गई है। लोनिवि प्रांतीय खंड ने दिल्ली रोड पर परतापुर तिराहे से मोहिउद्दीनपुर तक टूटा डिवाइडर भी दुरुस्त होगा।
पांच किमी की सड़क भी
मेरठ-बड़ौत मार्ग पर शहर से लगभग पांच किमी आगे पांच किमी की सड़क भी बनाई जाएगी। नानू से सरधना कस्बे तक पांच किमी मार्ग का चौड़ीकरण और निर्माण कार्य होगा। सरधना नगर पालिका 80 विकास कार्यों की सशर्त अनुमति दी गई है। शनिवार को कुल 85 निर्माण कार्यों को अनुमति दी गई। समिति ने जनपद में अभी तक 363 निर्माण योजनाओं को शुरू करने की अनुमति दी है।
रैपिड रेल पिलर के गर्डर आने शुरू
परतापुर तिराहे पर जहां एक्सप्रेस-वे का इंटरजेंच बन रहा है, वहीं रैपिड रेल के पिलर भी तैयार होने लगे हैं। दोनों परियोजनाएं केंद्र सरकार की हैं। ऐसे में परतापुर तिराहे पर दोनों प्रोजेक्ट एक दूसरे को क्रॉस कर रहे हैं। तिराहे पर एक्सप्रेस-वे का इंटरचेंज जल्द बन जाएगा और कुछ ही महीने में एक्सप्रेस-वे शुरू होने वाला है। जबकि रैपिड रेल का काम अभी शुरू हुआ है। ऐसे में जब तिराहे पर रैपिड रेल का काम शुरू होता तो एक्सप्रेस-वे पर वाहन संचालन में बाधा आती। ऐसे में दोनों परियोजनाओं के अधिकारियों ने बैठक करके इसका रास्ता निकाला था।
लॉकडाउन के कारण आई थी बाधा
चूंकि परतापुर क्षेत्र में पिलर बनाने की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी इस पर जो कंपनी गाजियाबाद जिले में पिलर बना रही है उसे ही परतापुर तिराहे पर पिलर बनाने की जिम्मेदारी दे दी गई। यहां पर उन स्थानों पर पिलर बना लिए जाएंगे जहां बाद में एक्सप्रेस-वे शुरू होने पर बाधा न आए। जबकि बाकी काम परियोजना के लक्ष्य के हिसाब से होता रहेगा। लॉकडाउन की वजह से पिलर का कार्य रुक गया था लेकिन अनुमति मिलने से अब फिर से काम शुरू हुआ है। पिलर के ऊपर गर्डर रखने के लिए गाजियाबाद से गर्डर भी मंगाए जाने लगे हैं। एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि परतापुर तिराहे पर रैपिड रेल के वे काम एक्सप्रेस-वे के साथ ही कर लिए जाएंगे जिसकी वजह से बाद में बाधा पहुंच सकती है।