इस तरह हुआ अफवाह का अंत, लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खंडन के बाद थमा बधाइयों का सिलसिला

मेरठ में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने की अफवाह शनिवार को देर रात तक उड़ती रही।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 03:32 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 08:50 PM (IST)
इस तरह हुआ अफवाह का अंत, लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खंडन के बाद थमा बधाइयों का सिलसिला
इस तरह हुआ अफवाह का अंत, लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खंडन के बाद थमा बधाइयों का सिलसिला

मेरठ, जेएनएन। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने की अफवाह शनिवार को देर रात तक उड़ती रही। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। इस बीच डॉक्टर वाजपेयी खुद सामने आए। उन्होंने स्वयं ही इसका खंडन सोशल मीडिया पर किया। कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है इस तरह की निराधार सूचनाओं पर विश्वास न किया जाए। न ही इसका संज्ञान लिया जाए। उनका खंडन समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ। समाचार के अन्य माध्यमों पर भी उनके खंडन की बात प्रसारित हुई। इसके बाद बधाइयों का सिलसिला अब थम गया। रविवार को ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों पर उनको इसके लिए बधाई नहीं दी गई। हालांकि अभी भी उनको बधाई देने वालों के बीच चर्चा और बहस का दौर जारी है।

मेहनत का फल तो मिलना ही चाहिए

सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल बनाए जाने की बात भले ही अफवाह हो गई हो लेकिन डॉक्टर वाजपेयी उच्च पद के लिए योग्य हैं। उन्होंने जिस तरह से संगठन को मजबूत किया उनके नेतृत्व में यूपी में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा गया और प्रदेश में 73 सीटें आई हैं लेकिन केंद्र में और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उन्हें उनकी मेहनत के अनुसार कोई सम्मान नहीं दिया गया। उनके समर्थक या उनके चाहने वाले लोग यह मांग कर रहे हैं कि सेवानुरूप ऐसे नेता का सम्मान होना चाहिए।

अफवाह फैलाने वालों पर पार्टी करे कार्रवाई

सोशल मीडिया पर अब यह भी मांग की जा रही है कि जिस तरह से डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम लेकर अफवाह फैलाई गई है उससे सम्मानित लोगों ने भी उन्हें बधाई दी। इससे पार्टी की साख खराब होती है। इस तरह की भ्रामक सूचना पार्टी के अंदर से ही फैलाई गई है। ऐसे में पार्टी को इस बात का संज्ञान लेकर ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इससे किसी व्यक्ति विशेष की प्रतिष्ठा पर भी सवालिया निशान लगता है।

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