शिकायतें सही, तीन निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

प्रभारी मंत्री के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने सभी शिकायतों की जांच

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:15 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:15 AM (IST)
शिकायतें सही, तीन निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
शिकायतें सही, तीन निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

मेरठ,जेएनएन। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने सभी शिकायतों की जांच मौके पर जांच समिति भेजकर करानी शुरू कर दी है। जांच में आरोप सही मिलने पर डीएम ने शहर के तीन अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

आयशा हास्पिटल ने किया आक्सीजन लाने को मजबूर

आयशा हास्पिटल में भर्ती मरीज के तीमारदार को 10 मई को आक्सीजन लाने के लिए मजबूर करने की शिकायत की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एसके शर्मा और अपर जिलाधिकारी प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल ने की। जांच रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत सही मिली। तीमारदार को आक्सीजन सिलेंडर लाने को मजबूर किया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में रोगियों को भर्ती करने, डिस्चार्ज करने और आक्सीजन आपूर्ति और उपभोग संबंधी अभिलेखों का रखरखाव सही तरीके से नहीं किया गया था।

युग अस्पताल ने जबरन निकाल दिया मरीज

युग अस्पताल की शिकायत मिली थी कि वहां भर्ती हापुड़ की मरीज शीतल देवी को आक्सीजन की जरूरत थी। उसे अस्पताल से जबरन निकाल दिया गया। शिकायत की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एसके शर्मा और अपर जिलाधिकारी प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल द्वारा की गई। जांच में शिकायत सही मिली। जांच रिपोर्ट के मुताबिक हास्पिटल द्वारा रोगी के उपचार संबंधी अभिलेख और बिल को सुरक्षित नहीं रखा गया। अनाधिकृत रूप से आंशिक उपचार देकर गैर जिम्मेदाराना तरीके से मरीज को हास्पिटल से भेज देने की शिकायत सही मिली है।

30 बेड पर 42 मरीज का दावा, जांच में खाली मिले बेड

रुड़की रोड स्थित अस्पताल एसडीएम ग्लोबल की शिकायत की। जांच डा. पीपी सिंह प्रधानाचार्य प्रशिक्षण केंद्र मेडिकल कालेज और अपर नगर मजिस्ट्रेट चंद्रेश कुमार सिंह ने की। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने 30 बेड के सापेक्ष 42 मरीजों को भर्ती करके उपचार करने का दावा किया। उनके नाम की सूची उपलब्ध कराई, लेकिन भौतिक सत्यापन में अस्पताल में 30 निजी और 6 जनरल समेत 36 आक्सीजन युक्त बेड मिले। इनमें से 5 से 10 बेड खाली थे। निजी रूम में आक्सीजन बेड के साथ साथ बिना आक्सीजन वाले अतिरिक्त बेड भी मिले। आइसीयू के पास छह आक्सीजन बेड उपलब्ध थे, लेकिन सभी खाली थे। इसका कारण स्टाफ की कमी बताया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में कोविड गाइडलाइन के मुताबिक बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं मिली। आइसीयू में भर्ती मरीज से इलाज के लिए प्रतिदिन 35 हजार रुपये लिए जाने, रोगी को भोजन कराने में सहयोग न करने, रोगी से मुलाकात के लिए 750 रुपये की पीपीई किट जबरन देने और कुछ लोगों को आइसीयू व वार्ड में बिना सुरक्षा उपाय के ही रोगी के पास तक भेजने की शिकायतें भी सही मिलीं।

तीन दिन में कार्रवाई का आदेश

डीएम के बालाजी ने सभी जांच रिपोर्ट के साथ सीएमओ को तीन दिन में आरोपी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने और कार्रवाई की सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

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