कमिश्‍नर बोले-मेरठ मंडल में बनेंगे नए आठ सौ तालाब, पानी बचाने को अपना कर्तव्य माने जनता

मेरठ में एक कार्यक्रम में कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर मंडल में आठ सौ नए तालाब बनाए जाएंगे। कहा कि पांच सौ तालाबों पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि जल बचाने को लेकर सभी लोग अपना कर्तव्य समझें।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 05:07 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:54 PM (IST)
कमिश्‍नर बोले-मेरठ मंडल में बनेंगे नए आठ सौ तालाब, पानी बचाने को अपना कर्तव्य माने जनता
मेरठ में शनिवार को भू गर्भ जल सप्ताह कार्य कर्म का आयोजन किया गया।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ के खरखौदा में शनिवार को नालपुर स्थित एनसीआर मेडिकल इंस्टीटयुट ऑफ साइंसेज में अरूणोदय संस्था के तत्वाधान में भू-गर्भ जल सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मंडल आयुक्त सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर मंडल में आठ सौ नए तालाब बनाने का काम किया जाएगा। जिसमे से पांच सौ तालाबों पर काम आरंभ हो चुका है।

गंदे पानी में उग रहीं सब्‍जी

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान के चेयरमैन कैप्टन विकास गुप्ता और मंडल आयुक्त सुरेन्द्र सिंह रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कैप्टन विकास गुप्ता ने कहा कि गन्ना तराई की फसल होती थी। वेस्ट युपी में एक किलो चावल पैदा करने में पांच हजार लीटर पानी प्रयोग होता है। कहा कि गन्न और धान की खेती जल संरक्षण के लिए खतरा है। पचास वर्ष पूर्व किसानों की थाली में चावल नहीं होता था। खाने पीने की पद्धति में बदलाव हुआ है। दूध की पूर्ति पाउडर से हो रही है। यमुना के गंदे पानी में उग रही सब्जी शरीर के लिए खतरा है।

जनता भी समझे अपना कर्तव्‍य

मंडल आयुक्त सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर मंडल में आठ सौ नए तालाब बनाने का काम किया जाएगा। जिसमे से पांच सौ तालाबों पर काम आरंभ हो चुका है। साथ ही कहा कि जल संरक्षण को लेकर जनता को अपना कर्तव्य मानकर आगे आना होगा। कहा कि संस्था संगठन और सेमिनार में बाते करना आसान है। लेकिन काम करने वाले लोग बहुत कम है। कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है। इस अवसर पर महानिदेशक डा. अश्विनी शर्मा, डा. अनिल कपूर, डा. अवधेश प्रताप, डा. हिमानी अग्रवाल, डा. शिवानी अग्रवाल और संस्था की अध्यक्ष डा. अनुभूति चौहान, आदि ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

जल सरंक्षण को लेकर कमिश्नर को आई गांव की याद

जल संरक्षपण को लेकर मंडल आयुक्त को अपने गांव की याद आ गई। उन्हकेंने कहा कि मथुरा में बलदेव ब्लाक में उनका गांव यमुना नदी के किनारे है। कहा कि बचपन में वे जब छोटे बच्चे थे तो लोगों से कहते थे कि आने वाले समय में पानी समाप्त हो जाएगा। लोग उनकी इस बात पर हसते थे। कहा कि गांव में उस समय पानी बीस फीट पर था अब छह सौ फीट पर पहुंच गया था। जब पानी मीठा था आज खारा है। नदियां पहले रिचार्ज करती थी आज डिस्चार्ज करती है। पहले नदी का स्तर ऊपर हेाता था। आज नीचे है।

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