MBBS Oral Exam: एमबीबीएस की मौखिक परीक्षा जल्द कराएं कॉलेज, अभ्यर्थियों की काविड अस्पतालों में पड़ सकती है जरूरत

CCSU से संबंध कॉलेजों में संचालित किए जाने वाले एमबीबीएस पाठ्यक्रम की प्रायोगिक परीक्षाओं को कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अगले आदेश तक स्थगित कर दिया था। जरूरत पड़ने पर संबंधित छात्रों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए चिकित्सा केंद्रों पर नियुक्‍त किया जा सकता है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:09 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:09 PM (IST)
MBBS Oral Exam: एमबीबीएस की मौखिक परीक्षा जल्द कराएं कॉलेज, अभ्यर्थियों की काविड अस्पतालों में पड़ सकती है जरूरत
एमबीबीएस की मौखिक परीक्षा जल्द कराएं कॉलेज।

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से संबंध कॉलेजों में संचालित किए जाने वाले एमबीबीएस पाठ्यक्रम की प्रायोगिक परीक्षाओं को कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था। अब बदली परिस्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय कुलपति ने एमबीबीएस तृतीय प्रोफेशनल पार्ट 2 की प्रयोगात्मक परीक्षाएं जल्द से जल्द कराने के निर्देश जारी किए हैं। परीक्षा नियंत्रक की ओर से मंगलवार को जारी निर्देश में विवि से संबद्ध सभी एमबीबीएस कॉलेजों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत शारीरिक दूरी व अन्य निर्देशों का पालन करते हुए मौखिक परीक्षाएं आयोजित कराने को कहा गया है। विवि के अनुसार जरूरत पड़ने पर संबंधित छात्र छात्राओं को कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए शासन के द्वारा स्थापित चिकित्सा केंद्रों पर ली जा सकती है।

छात्रों को दी जा सकती है नियुक्‍त‍ि

संक्रमण को देखते हुए चिकित्सा केंद्र की संख्या बढ़ाने के साथ ही बेडों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सकीय स्टाफ की कमी न हो इसलिए यह व्यवस्था की जा रही है, जिससे एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों की भी इन केंद्रों पर नियुक्त कर उनकी सेवाएं ली जा सके। डॉक्टरों को कोविड मरीजों की देखभाल व अन्य चिकित्सकीय सेवाओं में जरूरतों के अनुरूप उनकी मदद मिल सके। इसके साथ ही एक मई से 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी वैक्सीन लगाए जाने हैं। ऐसे में सभी चिकित्सा केंद्रों पर अधिक नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता होगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके। विवि की ओर से प्रयोगात्मक परीक्षा जल्द कराने का एक प्रमुख कारण यह भी है जिससे 10 दिन बाद सभी जगह पर्याप्त लोग मौजूद रहे।

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