CM Yogi In Saharanpur: सीएम योगी सख्‍त, नियम तोड़ें प्राइवेट अस्पताल, लैब और एंबुलेंस संचालक तो बख्शें नहीं

सहारनपुर में सोमवार को मुख्‍यमंत्री बोले कि निजी चिकित्सालय लैब संचालकों और एम्बुलेंस संचालकों की मनमर्जी नहीं चलेगी। महामारी का समय है सभी को सहयोग भावना से काम करना चाहिए। अफसरों से कहा कि यदि कोई भी नियमों का उल्लंघन करें तो विरूद्ध कार्यवाही करें।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:00 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:00 PM (IST)
CM Yogi In Saharanpur: सीएम योगी सख्‍त, नियम तोड़ें प्राइवेट अस्पताल, लैब और एंबुलेंस संचालक तो बख्शें नहीं
सहारनपुर में सोमवार को सीएम योगी के तेवर सख्‍त भी नजर आए।

सहारनपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निजी चिकित्सालय, लैब संचालकों और एम्बुलेंस संचालकों की मनमर्जी नहीं चलेगी। यह महामारी का समय है, सभी को सहयोग भावना से काम करना चाहिए। सख्त तेवर दिखाते हुए उन्होंने अफसरों से कहा कि यदि कोई भी नियमों का उल्लंघन करें तो उनके विरूद्ध कड़ी  से कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड मरीज को आक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं की कमी न होने पाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति लोगो को जागरूक किया जाए और अफवाह फैलाने तथा माहौल बिगाडने वालों पर पैनी निगाह रखी जाए। जनपद में मेडिकल किट का वितरण शत-प्रतिशत कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

एक भी संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति बिना कोरोना की मेडिकल किट के न रहने पाए। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षणयुक्त व्यक्ति को तत्काल मेडिकल किट मुहैया कराते हुए उनका नाम, फोन नम्बर, पता आदि की सूची तैयार कर तत्काल एकीकृत कोविड कमाण्ड सेन्टर को दें। संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति की रैपिड रैस्पोन्स टीम के माध्यम से जल्द से जल्द जांच कराई जाए। जनपद में हो रहे सफाई, सेनेटाईजेशन और फॉङ्क्षगग अभियान के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची भी जनप्रतिनिधियों को दी जाए।

जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी नियमित रूप से समीक्षा करें, साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आवश्यकतानुसार मैनपावर बढायी जाए तथा कोविड कार्य में लगे कर्मियों को 25 प्रतिशत अधिक मानदेय से लाभान्वित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता पडने पर तत्काल एम्बुलेंस मुहैया करायी जाए। किसी भी मरीज को बेड और चिकित्सीय सुविधा में कमी न आने पाए। यदि दुर्भाग्यवश किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ससम्मान उसका अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होने कहा कि 50 से कम कर्मियों वाले औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क तथा 50 से अधिक कर्मियों वाली औद्योगिक इकाइयों में कोविड केयर सेन्टर बनाया जाए।

chat bot
आपका साथी