अमरजीत को क्लीनचिट, बलवीर नय्यर पर चार्जशीट
लालकुर्ती के नय्यर पैलेस बैंक्वेट हाल में डेढ़ साल पहले जिस्मफरोशी पकड़ी गई थी।
मेरठ, जेएनएन। लालकुर्ती के नय्यर पैलेस बैंक्वेट हाल में डेढ़ साल पहले जिस्मफरोशी पकड़ी गई थी। इस मामले में एएचटीयू थाने में पैलेस के मालिक दो भाइयों अमरजीत नय्यर और बलवीर नय्यर समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने विवेचना के दौरान अमरजीत को क्लीनचिट दे दी, वहीं बलवीर को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। छापामारी के दौरान एक सिपाही ने बलवीर नय्यर को मौके से निकाल दिया था। बलवीर ने बाद में कोर्ट से जमानत करा ली थी। अन्य आरोपितों की भी कोर्ट से जमानत हो चुकी है।
27 जुलाई 2019 को एसएसपी अजय साहनी के आदेश पर सीओ कैंट ने नय्यर पैलेस में छापा मारकर जिस्मफरोशी पकड़ी थी। इसके स्वामी अमरजीत नय्यर और बलवीर नय्यर हैं, जिनका आवास शहर के गंगानगर थाना क्षेत्र की पाश डिफेंस कालोनी में है। हाल के अंदर से एक महिला और लालकुर्ती निवासी राजा को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया था। इस धंधे को चला रहे टीपीनगर के नई बस्ती निवासी नरेंद्र, कोतवाली के सराय जीना निवासी आकिब, नौचंदी के शास्त्रीनगर निवासी दिलशाद और मवाना के आहद को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सीओ इस मामले की विवेचना कर रहे थे। सीओ ने अमरजीत को क्लीनचिट दी है। इसपर सवाल उठ रहे हैं। अगर अमरजीत अपराध में शामिल नहीं था, तो उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा क्यों दर्ज किया? सवाल यह भी कि जब अमरजीत को क्लीनचिट दी गई, तो मुकदमे के वादी पर उसे फर्जी तरीके से फंसाने में कार्रवाई क्यों नहीं की गई? बता दें कि पुलिस की जांच में सामने आया था कि नोएडा और दिल्ली से लड़कियों को बुलाकर वाट्सएप के जरिए जिस्मफरोशी की जा रही थी।
इन्होंने कहा-
जिस्मफरोशी के मुकदमों की विवेचना सीओ रैंक के अधिकारी करते हैं। अमरजीत को किस आधार पर क्लीनचिट दी गई है, इसे देखेंगे। बाकी सात आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।
-अजय साहनी, एसएसपी