यूपी के 13 गन्ना पर्यवेक्षकों को क्लीन चिट, जानिए क्या है गन्ना विभाग का पूरा मामला

प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने विभागीय कार्रवाई में निर्दोष पाए जाने पर 13 गन्ना पर्यवेक्षकों को क्लीन चिट दे दी है। इसके साथ ही 56 गन्ना पर्यवेक्षकों के विरूद्ध आरोप सिद्ध पाये जाने की वजह से उन्हें लघु एवं वृहद दण्ड देते हुए अनुशासनिक कार्यवाही का निस्तारण किया गया है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:19 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:19 PM (IST)
यूपी के 13 गन्ना पर्यवेक्षकों को क्लीन चिट, जानिए क्या है गन्ना विभाग का पूरा मामला
यूपी के 13 गन्ना पर्यवेक्षकों को क्लीन चिट।

मेरठ, जेएनएन। प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने विभागीय कार्रवाई में निर्दोष पाए जाने पर 13 गन्ना पर्यवेक्षकों को क्लीन चिट दे दी है। इसके साथ ही 56 गन्ना पर्यवेक्षकों के विरूद्ध आरोप सिद्ध पाये जाने की वजह से उन्हें लघु एवं वृहद दण्ड देते हुए अनुशासनिक कार्यवाही का निस्तारण किया गया है।

यह है मामला

गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि विभाग को शासकीय कार्यों में लापरवाही, सर्वे कार्य में अनियमितता, सट्टा नीति का उल्लंघन, विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही, मृतक, भूमिहीन एवं अन्य अनियमित सट्टों के नियम विरूद्ध संचालन संबंधी तथा अन्य आरोपों में गन्ना पर्यवेक्षकों के विरूद्ध गन्ना किसानों व अन्य माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायतों की प्रथम दृष्टया जांच में दोषी प्रतीत होने वाले 69 गन्ना पर्यवेक्षकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रतिस्थापित करते हुए परिक्षेत्र एवं जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जिस पर जांच अधिकारियों द्वारा अपचारी कार्मिकों पर आरोप पत्र प्रेषित करते हुए उनका स्पष्टीकरण मांगा गया तथा प्राप्त स्पष्टीकरण, अभिलेखीय साक्ष्यों के परीक्षणोपरान्त उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियमों, शासनादेशों के अंतर्गत अपनी जांच आख्या प्रस्तुत की गई।

उन्होंने बताया कि जांच आख्या के सम्यक अनुशीलन के पश्चात आरोपी 69 गन्ना पर्यवेक्षकों में से 13 गन्ना पर्यवेक्षकों के विरुद्ध कोई आरोप सिद्ध न पाये जाने के कारण प्रचलित अनुशासनिक कार्रवाई को बिना किसी दण्ड के समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। उक्त के अतिरिक्त 56 आरोपी गन्ना पर्यवेक्षकों के विरूद्ध जांच में आरोप सिद्ध पाये गये जिसके लिए उन्हें लघु एवं वृहद दण्ड दिया गया, इनमें से 32 पर्यवेक्षकों के विरूद्ध वसूली का आदेश देते हुए अनुशासनिक कार्यवाही का निस्तारण किया गया है।

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