शहर हो या ट्यूबवैल कहीं भी पलक नहीं झपकेगी बिजली

मेरठ में अपना 765 केवी हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Apr 2018 03:09 PM (IST) Updated:Mon, 23 Apr 2018 03:09 PM (IST)
शहर हो या ट्यूबवैल कहीं भी पलक नहीं झपकेगी बिजली
शहर हो या ट्यूबवैल कहीं भी पलक नहीं झपकेगी बिजली

मेरठ। मेरठ शहर और आसपास के जनपद अभी तक बिजली के लिए केंद्र सरकार के पावर ग्रिड कारपोरेशन के रहमोकरम हैं। बिजली काटते वक्त पावर ग्रिड के अधिकारी उ.प्र. पावर कारपोरेशन की भी एक नहीं सुनते। बिजली संकट का सामना आम जनता को करना पड़ता है। उ.प्र. पावर कारपोरेशन ने अब स्थिति का समाधान निकालने की तैयारी की है। मेरठ में अपना 765 केवी हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन बनाया जा रहा है।

इससे मेरठ शहर, ग्रामीण क्षेत्र तथा बागपत जनपद का भी बिजली संकट दूर होगा। इस ट्रांसमिशन के लिए डीएम से 35 एकड़ जमीन की मांग की गई है। पावर ग्रिड कभी भी कर देता है अंधेरा

अभी तक मेरठ और आसपास के कई जनपदों को बिजली आपूर्ति केंद्र सरकार के पावर ग्रिड कारपोरेशन के मटौर स्थित 765 केवी हाई वोल्टेज ग्रिड स्टेशन से की जाती है। पूरे प्रदेश में कहीं भी मांग से ज्यादा बिजली की खपत होती है तो पावर ग्रिड अधिकारी सबसे पहले मेरठ शहर और आसपास की बिजली बंद कर देते हैं। इससे शहर में अंधेरा छा जाता है और गर्मी में लोग बिलबिला जाते हैं। पावर ग्रिड के अधिकारी बिजली बंद करने के दौरान उ.प्र. पावर कारपोरेशन के अफसरों की भी एक नहीं सुनते। बिजली आपूर्ति पूरी तरह उनकी मनमानी पर निर्भर है। बनाएंगे अपना हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन

पावर ग्रिड की मनमानी के विरुद्ध हर बार गर्मी में हंगामा होता है। मेरठ शहर तथा आसपास के इलाके को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए उ.प्र. पावर कारपोरेशन ने अपना 765 केवी हाईवोल्टेज ट्रांसमिशन केंद्र बनाने की तैयारी की है। 13वी पंचवर्षीय योजना में मेरठ में इसकी मंजूरी दे दी गई है। उ.प्र. पावर ट्रांसमिशन के पश्चिम उ.प्र. के मुख्य अभियंता आलोक कुमार अग्रवाल ने इस स्वीकृति की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मेरठ को पत्र लिखकर जमीन मांगी है। उन्होंने ग्राम सभा या ग्राम पंचायत की 35 एकड़ जमीन मांगी है। साथ ही कहा है कि यदि निश्शुल्क सरकारी जमीन नहीं मिल सकती है तो प्रशासन निजी जमीन भी प्रावधानों के मुताबिक सर्किल रेट पर खरीदकर उपलब्ध करा सकता है। मुरादाबाद, ग्रेटर नोएडा, रूड़की तक फैलेगा जाल

मेरठ में 765 केवी ट्रांसमिशन के निर्माण से पूरे पश्चिम क्षेत्र को लाभ होगा। इसे 765 केवी मुरादाबाद, ग्रेटर नोएडा, रूड़की, मटौर, मंडौला (गाजियाबाद) आदि केंद्रों से जोड़कर सर्किट बनाया जाएगा। इस केंद्र से मेरठ शहर, ग्रामीण, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादनगर, गाजियाबाद समेत तमाम स्थानों पर स्थापित 400 केवी तथा 220 केवी ट्रांसमिशन को बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। जमीन मिलने के बाद 18 महीने

मुख्य अभियंता आलोक कुमार अग्रवाल ने बताया कि जमीन मिलने के बाद मात्र 18 महीने में ट्रांसमिशन को तैयार कर दिया जाएगा। ट्रांसमिशन और इसकी लाइनों के निर्माण में लगभग 1500 करोड़ रुपया खर्च होगा। ऐसे बनेगा हाईवोल्टेज ट्रांसमिशन

क्षमता 765 केवी हाईवोल्टेज क्षमता

जमीन 35 एकड़(लगभग 440 बीघा)

लागत 1500 करोड़

समय जमीन मिलने के बाद 18 माह

बिजली मिलेगी मेरठ शहर, ग्रामीण क्षेत्र, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मुरादनगर, गाजियाबाद, बिजनौर आदि क्षेत्र।

कहां से जुड़ेगा मटौर (मेरठ), ग्रेटर नोएडा, हापुड़, मुरादाबाद, रूड़की, मंडौला (गाजियाबाद)

chat bot
आपका साथी