बारिश से सिटी और कैंट स्टेशन के सिग्नल फेल

आधा दर्जन ट्रेनें हो गई लेट। ट्रेनों को कॉशन से निकाला गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Jul 2018 11:46 AM (IST) Updated:Sat, 28 Jul 2018 11:46 AM (IST)
बारिश से सिटी और कैंट स्टेशन के सिग्नल फेल
बारिश से सिटी और कैंट स्टेशन के सिग्नल फेल

मेरठ। मूसलधार बारिश से शुक्रवार को सिटी और कैंट स्टेशन के सिग्नल फेल हो गए। इससे ट्रेनों को आउटर पर रोक-रोककर चलाया गया। अधिकारियों को ट्रेनों को प्लेटफॉर्म पर कॉशन (सावधानी) से लाया गया। सिटी स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि इसके लिए कॉलिंग ऑन सिग्नल का सहारा लेना पड़ा। इस कारण आधा दर्जन ट्रेनें बाधित हुई।

सिटी और कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक और दो के ट्रैक पर पानी भरने से सिग्नल फेल हो गए, जिससे ट्रैक भी फेल हो गया। इस कारण ट्रेनों को प्लेटफॉर्म नंबर तीन से गुजारा गया। दो से तीन घंटे तक कैंट स्टेशन पर ट्रैक फेल रहा। कैंट स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि इस दौरान ट्रेनों को सावधानीपूर्वक निकाला गया।

यह होता है कॉलिंग ऑन सिग्नल

स्टेशन के आउटर पर सिग्नल के नीचे 'सी' के आकार की एक लाइट लगी होती है। होम सिग्नल खराब होने के बाद इस सिग्नल का उपयोग करना पड़ता है। यहां पीली लाइट जलने के बाद लोको पायलट ट्रेन को रोक देता है और इसके बाद प्लेटफॉर्म तक ट्रेन को दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाता है।

रोहटा रोड का नाला भी खतरे में

हाल ही में रेलवे ने रोहटा रोड फ्लाईओवर के नीचे और सिटी स्टेशन से कैंट स्टेशन की तरफ 50 मीटर की दूरी पर नाला निर्माण किया था लेकिन तेज बारिश की वजह से यहां भी पूरे दिन खतरा मंडराता रहा। इस कारण ट्रेनों को पूरे दिन सावधानीपूर्वक निकाला गया।

ये ट्रेनें हुई लेट

शालीमार एक्सप्रेस अपने तय समय से दो घंटे 40 मिनट की देरी से सिटी स्टेशन पहुंची। इसके अलावा देहरादून एक्सप्रेस एक घंटे 40 मिनट, नौचंदी एक्सप्रेस एक घंटे 35 मिनट, संगम एक्सप्रेस छह घंटे 20 मिनट, राज्यरानी छह घंटे 50 मिनट, योगा एक्सप्रेस तीन घंटे आठ मिनट लेट रही।

रोडवेज और रेलवे को लाखों का नुकसान

बारिश से रोडवेज और रेलवे को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। भारी बारिश की वजह से यात्रियों की संख्या कम रही। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक नीरज सक्सेना ने बताया कि बारिश से यात्रियों की संख्या में एकदम से कमी आ गई।

फिलहाल अलर्ट की कोई घोषणा नहीं

भारी बारिश होने के बाद रेलवे में अलर्ट जारी कर दिया जाता है लेकिन अभी मुख्यालय से अलर्ट जारी नहीं किया गया है। लोको पायलट को बारिश के समय ट्रैक के डूबे रहने पर ट्रेन को सावधानी से निकालने के लिए कहा गया है। हालांकि इसके लिए स्टेशन मास्टर लोको पायलट को कॉशन भी देता है।

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