'बिजली खूब है, बस समय से बिल का भुगतान करें उपभोक्ता'
उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष व प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है। बस उपभोक्ता समय से भुगतान कर दें। उन्होंने दावा किया कि 2019 की गर्मी में 24 घंटे बिजली दी जाएगी। मेरठ में रोजाना ट्रिपिंग और शट डाउन से चार से छह घंटे होने वाली बिजली कटौती को रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए।
मेरठ : उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष व प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है। बस उपभोक्ता समय से भुगतान कर दें। उन्होंने दावा किया कि 2019 की गर्मी में 24 घंटे बिजली दी जाएगी। मेरठ में रोजाना ट्रिपिंग और शट डाउन से चार से छह घंटे होने वाली बिजली कटौती को रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए। बताया कि नो ट्रिपिंग जोन योजना के प्रथम चरण में अभी नोएडा और गाजियाबाद को शामिल किया गया है। मेरठ शहर में अप्रैल 2019 के बाद ही इस दिशा में कोई काम संभव होगा।
सौभाग्य योजना की समीक्षा करने मेरठ आए प्रमुख सचिव ऊर्जा ने ऊर्जा भवन में पत्रकारों से कहा कि इस बार गर्मी में प्रदेश में 22,500 मेगावाट बिजली की मांग अपेक्षित है, जिसकी व्यवस्था कर ली गई है। पावर कारपोरेशन अभी 6000 करोड़ घाटे में है, जिसे मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है। घर घर बिजली पहुंचाने के लिए लागू सौभाग्य योजना को पूरा करने का लक्ष्य 31 मार्च 2019 है। देशभर में जो भी बिजली कंपनी सबसे पहले यह कार्य पूरा करेगी उसे 50 करोड़ का ईनाम मिलना है। इसे जीतने के लिए पीवीवीएनएल का लक्ष्य 31 अक्टूबर रखा गया है। उसी गति से काम किया जा रहा है। हापुड़, बागपत, गौतमबुद्धनगर तथा शामली को सौभाग्यशाली घोषित किया जा चुका है। अब 18 सितंबर को लखनऊ में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। मेरठ में भी कार्य अंतिम चरण में है।
अब बदलेंगे गांवों के जर्जर तार
प्रमुख सचिव ने बताया कि गांवों में बिजली कनेक्शन देने के बाद अब जर्जर लाइनों को एबीसी केबिल में बदलने की योजना है। 15 दिन में यह काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए आरईसी से 1200 करोड़ का ऋण लिया जाएगा। तार बदलने से दुर्घटनाएं, बिजली आपूर्ति में व्यवधान तथा लो वोल्टेज की समस्या का समाधान होगा। बिजली चोरी रुकेगी। 18 महीने में बिजली चोरी रोककर ऋण की उक्त राशि भी जुटा ली जाएगी।
कनेक्शन काटकर उखाड़ लें मीटर
कहा कि कागजों में बिजली कनेक्शन काटना ही बकाया वसूली की बाधा है। पुराने और बड़े बकायादारों के कनेक्शन काटने के साथ-साथ उनके मीटर भी उखाड़ लेने का आदेश दिया गया है, ताकि उक्त लोग बदनाम हों और पैसा जमा कराएं। नोएडा, गाजियाबाद में 17 करोड़ रुपया कनेक्शन काटने वाली टीम के पहुंचते ही मिल गया।