ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहीं क्लोरीन युक्त गैसें

आरजी पीजी कालेज के वसुधा ईको क्लब और जागरूक नागरिक एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को विश्व ओजोन दिवस पर हिमालय सुरक्षा व जल संरक्षण- भविष्य दृष्टिकोण के अनुरूप सतत विकास विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:19 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:19 PM (IST)
ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहीं क्लोरीन युक्त गैसें
ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहीं क्लोरीन युक्त गैसें

मेरठ, जेएनएन। आरजी पीजी कालेज के वसुधा ईको क्लब और जागरूक नागरिक एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को विश्व ओजोन दिवस पर 'हिमालय सुरक्षा व जल संरक्षण- भविष्य, दृष्टिकोण के अनुरूप सतत विकास' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता चौधरी चरण सिंह विवि की प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि ओजोन रिक्तिकरण का समग्र कारण है क्लोरीन युक्त स्त्रोत गैसों की उपस्थिति। ये गैसें पराबैंगनी प्रकाश उपस्थिति में अघटित होकर क्लोरीन परमाणु करती हैं, जो ओजोन के विनाश का कारण बनते हैं।

जागरूक नागरिक एसोसिएशन के महासचिव गिरीश शुक्ला ने हिमालय सुरक्षा और जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हिमालय के हिमनदों की बर्फ गिरने की दर पिछले 20 वर्षो से दोगुनी हो गई है। वसुधा ईको क्लब की संयोजिका डा. अमिता शर्मा ने सरकार द्वारा जल जीवन मिशन परियोजना के अंतर्गत जल आपूíत के अतिरिक्त जल संरक्षण की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही छात्राओं को पहाड़ों की सुरक्षा के लिए भी जागरूक किया। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वाìमग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं, यात्री प्लास्टिक कचरा पहाड़ और नदी में छोड़ देते हैं। हमें पहाड़ एवं जल को बचाना है। क्लब की सदस्य डा. कल्पना चौधरी ने पावर प्वाइंट प्रदर्शन के माध्यम से पिछले कुछ दशकों में हिमालय क्षेत्र में हुए अनियंत्रित शहरीकरण वनोन्मूलन और जल के दोहन से इस क्षेत्र के संवेदनशील परितंत्र की गंभीर क्षति को विस्तार से समझाया। डा. गरिमा मलिक ने पावर प्वाइंट के माध्यम से बताया कि प्राकृतिक झरने हिमालय क्षेत्र में जल का एकमात्र स्त्रोत होने के साथ ही मैदानी क्षेत्र की नदियों के प्रवाह में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डा. दीपशिखा शर्मा ने भूगोल विभाग में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में डा. गरिमा पुंडीर, उपासना रानी, डा. गीताजलि चौहान और डा. मधु मलिक भी उपस्थित रहीं।

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