बच्‍चों को बेचैन कर रहा है Online Game, पढ़ाई की जगह खेल रहे हैं पबजी Meerut News

बच्चों की शिकायत को लेकर मनोचिकित्सक के पास अभिभावक पहुंच रहे हैं। बच्‍चों की शिकायत है कि वे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। पढ़ाई के समय वे ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 12:18 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 12:18 AM (IST)
बच्‍चों को बेचैन कर रहा है Online Game, पढ़ाई की जगह खेल रहे हैं पबजी Meerut News
बच्‍चों को बेचैन कर रहा है Online Game, पढ़ाई की जगह खेल रहे हैं पबजी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ बच्चों के साथ एक नई समस्या भी आने लगी है। वह है पबजी गेम। जिससे न केवल बच्चे बल्कि युवा भी गिरफ्त में हैं। ऑनलाइन गेम की आदत को लेकर अभिभावक परेशान हैं। तो दूसरी ओर बच्चे गेम को लेकर बेचैन हैं। गेम की लत छुड़ाने के लिए अभिभावक मनोचिकित्सक से संपर्क कर रहे हैं।

स्कूल चलने के समय अभिभावक बच्चों को मोबाइल देने से मना करते थे, लेकिन अब छोटे से लेकर बड़े तक मोबाइल से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। जिससे बहुत से बच्चे स्क्रीन पर सबसे अधिक समय बिता रहे हैं। पढ़ाई के साथ बहुत से बच्चे देर रात पबजी जैसे गेम खेल रहे हैं। पबजी का नशा बच्चों को बीमार करने लगा है। मनोचिकित्सक डा. सम्यक जैन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से बच्चे और बड़े सभी का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। इसमें एक बार फिर बच्चे हिंसात्‍मक गेम पबजी खेल रहे हैं। इसके केस बढ़ रहे हैं। यह गेम एक नशे की तरह है। जिसकी आदत पडऩे के बाद आसानी से छुड़ाना संभव नहीं है। पबजी खेलना एक तरह से नशे की तरह है। जिस तरह से नशा करने वाले के दिमाग में डोपामिन हार्मोंस का स्राव होता है। इससे गेम खेलने वाले को आनंद आता है।

वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराएं

मनोचिकित्सक डा. सम्यक जैन का कहना है कि बच्चों को मोबाइल देने के बाद अभिभावकों को सचेत रहना चाहिए। पहले स्टेज में अभिभावक को पता चले तो वह बच्चों के लिए वैकल्पिक मनोरंजन की व्यवस्था करें। आउटडोर गेम में रिप्लेस करें।  

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