मुख्‍य सचिव बोले-पारंपरिक खेती से काम नहीं चलेगा, किसानों को बनना होगा व्यवसायी Meerut News

मेरठ में आयोजित गोष्ठी में मुख्य सचिव ने कहा कि अब पारंपरिक खेती से काम नहीं चलेगा। खेती बदल रही है लिहाजा किसानों को भी बदलना होगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 10:46 AM (IST)
मुख्‍य सचिव बोले-पारंपरिक खेती से काम नहीं चलेगा, किसानों को बनना होगा व्यवसायी Meerut News
मुख्‍य सचिव बोले-पारंपरिक खेती से काम नहीं चलेगा, किसानों को बनना होगा व्यवसायी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। मेरठ और सहारनपुर मंडल की मंडलीय रबी उत्पादन गोष्ठी में दोनों मंडलों के 9 जनपदों के किसानों ने मुख्य सचिव व कृषि उत्पादन आयुक्त के सामने समस्याएं रखी। गोष्ठी में पूरे समय गन्ना मूल्य भुगतान में चीनी मिलों की मनमानी, बिजली की बढ़ी दरें और पराली का मुद्दा छाया रहा। मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने जिला स्तरीय अफसरों को किसानों की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि यदि कहीं समाधान में कोई बाधा है तो उसका समाधान हम करेंगे। गोष्ठी में मुख्य सचिव ने कहा कि अब पारंपरिक खेती से काम नहीं चलेगा। खेती बदल रही है लिहाजा किसानों को भी बदलना होगा। सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने में जुटी है। इसके लिए किसानों को व्यवसायी बनना पड़ेगा।

मार्केटिंग खुद किसानों को करनी होगी

मुख्य सचिव ने कहा कि किसान को अब व्यवसायी और उद्योगपति की भांति काम करके अपने उत्पाद का अधिक से अधिक दाम प्राप्त करना होगा। इसके लिए किसान परिवारों के शिक्षित युवाओं को वैज्ञानिक खेती करनी होगी। अब खेती के उत्पादों की ग्रेडिंग, शार्टिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग खुद किसानों को करनी होगी। उन्होंने कहा कि जब किसान खुशहाल होगा तभी देश और समाज खुशहाल हो सकता है। पश्चिम में प्रदेश के सबसे प्रगतिशील किसान रहते हैं। उन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश डीएम, कमिश्नर और प्रमुख सचिव को दिया।

किसान को बदलना होगा

साथ ही कहा कि यदि कोई प्रकरण शासन स्तर का है तो उसे तत्काल हमारे सामने रखा जाए। सीएम, सरकार और शासन किसानों के लिए तत्पर हैं। उन्नत प्रजातियों से जहां गन्ने की उत्पादकता बढ़ी है, वहीं रिकवरी में भी उछाल आया है। चीनी मिलों की क्षमता बढ़ने से काफी राहत मिली है, लेकिन अब खेती बदल रही है किसान को भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को घाटे में कोई नहीं चलाएगा। पूरे विश्व में चीनी की मांग और कीमतें घट रही हैं। लिहाजा किसानों को भी गन्ने का क्षेत्रफल कम करने और सहफसली खेती पर विचार करना होगा। सरकार सीधे गन्ने से एथेनॉल और सल्फर फ्री चीनी बनाने के प्रयास में जुटी है। इसकी मांग भी है।

नए क्षेत्रों में हाथ आजमाना होगा

मुख्य सचिव ने कहा कि खेती में विविधता बढ़ानी होगी। किसानों को फल, फूलों समेत विभिन्न नये क्षेत्रों में हाथ आजमाना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब सरकार खुद कोई नया उद्योग नहीं लगाएगी बल्कि उद्योग लगाने वालों की हरसंभव मदद करेगी। कृषि उत्पादों के औद्योगिक उत्पादन के लिए किसानों को ही आगे आना होगा।

आर्गेनिक खेती करें किसान

मुख्य सचिव ने कहा कि आज मोटे अनाज, आर्गेनिक खेती के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली में इसका बड़ा बाजार उपलब्ध है। किसान इसमें हाथ आजमाएं। गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव पशुपालन बीएल मीणा, कमिश्नर मेरठ अनीता सी मेश्रम, कमिश्नर सहारनपुर संजय कुमार, सभी जनपदों के डीएम, सीडीओ तथा लखनऊ से आए वरिष्ठ अधिकारी और सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

हमें खेती किसानी से लगाव है

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि अमूमन मुख्य सचिव मंडलीय गोष्ठी में नहीं जाते हैं, लेकिन हमें खेती किसानी से लगाव है। हमारे बाबा किसान थे। हम चाहते थे कि पश्चिम के किसानों से रूबरू हों। इसीलिए रबी गोष्ठी की तिथि को चार बार बदलना पड़ा।

भोजन के लिए फैली अव्यवस्था

मेरठ और सहारनपुर मंडल के जिलों से आए किसानों के लिए कृषि विवि में गोष्ठी सभागार से पचास मीटर दूर हॉल में भोजन की व्यवस्था की थी। सैकड़ों की संख्या में आए किसान जब भोजन के हॉल में पहुंचे तो वहां पैर रखने को जगह नहीं मिली। कुछ किसानों को बाहर भेजा गया, ताकि जो भोजन खा रहे हैं, उनके बाद शिफ्टों में किसानों को बुलाया जाए। व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी बुलाए गए।

चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस

मुख्य सचिव के गाजियाबाद से आने के दौरान हाईवे पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा था। पल्हैड़ा चौक पर निर्माणधीन फ्लाईओवर की वजह से सर्विस रोड पर ट्रैफिक डायवर्ट है, जिसके कारण जाम लगता है। पुलिस ने फेज-वन के सामने हाईवे पर ट्रैफिक रोककर मुख्य सचिव के काफिले को निकाला। ट्रैफिक की जिम्मेदारी एसपी ट्रैफिक संजीव कुमार बाजपेयी को दी गई थी। कृषि विवि के सामने रेलवे फाटक है, जहां दोनों ओर पुलिसकर्मी तैनात थे। वहीं रेलवे अफसरों से भी पुलिस अधिकारी संपर्क बनाए हुए थे। शाम साढ़े चार बजे ट्रेन थी, जिसे मेरठ से सहारनपुर की ओर जाना था, मगर उससे पहले ही मुख्य सचिव का काफिला विवि से निकल गया।

पराली की कंपोस्टिंग करें या पशुओं को खिलाएं

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक हमे इसे पूर्ण रूप से खत्म करना होगा। पराली को काटकर किसान खेतों में कंपोस्टिंग करें या फिर चारा बनाकर पशुओं को खिलाएं।

गोवंश को सामाजिक कर्तव्य मानकर पालें किसान

उन्होंने कहा कि गोवंश किसान परिवार का हिस्सा होते हैं, लेकिन अब लाभ न होने पर किसानों ने गोवंश को सड़कों पर छोड़ दिया है। गोवंश का परित्याग करके किसान सफल नहीं हो सकता। इन्हें किसान सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी समझकर पालें।

नलकूपों को एकमुश्त मिलेगी बिजली: अमित मोहन

प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि किसान बीमा योजना में तो केवल भूमिधर किसान को ही लाभ दिया जाता है। खेत में किसी भी संबंधी अथवा अन्य के साथ हादसा होने पर खेत-खलिहान बीमा योजना के तहत मदद की जाती है। ऐसी किसी भी घटना की सूचना मंडी समिति को दी जाए। पराली के समाधान के लिए सहकारी समिति, मंडी समिति पर 5-5 मल्चर मशीनें किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। किसानों के नलकूपों पर दस घंटे बिजली की एकमुश्त आपूर्ति कराने के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा से बात की जाएगी।

पशु अस्पतालों में जल्द होगी 1300 डॉक्टरों की भर्ती

प्रमुख सचिव पशुपालन बीएल मीणा ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों मंडल में कृषि मेलों के लिए 12-12 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं। इन मेलों का अच्छे से आयोजन किया जाए। पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए 1300 चिकित्सकों की भर्ती की तैयारी है। मत्सय पालन पर लापरवाही की जा रही है। दूध का अच्छा दाम किसानों का हक है। वे इसे लें। पश्चिम में निराश्रित पशुओं को आसरा देने के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। यह क्षेत्र निराश्रित पशुओं से मुक्त किया जा सकता है।

नदियों को पुनर्जीवित करने का बने प्लान

सहारनपुर मंडल के कमिश्नर संजय कुमार ने गोष्ठी में गन्ना भुगतान की समस्या को उठाया। सर्वेक्षण को भी 5 मई के बजाय 15 अप्रैल से शुरू कराने की मांग की। भूजल स्तर सुधारने के लिए विस्तृत प्लान और राशि के आवंटन की मांग की। पाइप्ड पेयजल योजनाओं में भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट में दोषियों पर लखनऊ स्तर से कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए शासन स्तर पर विस्तरित प्लान तैयार किया जाए।|

गंगनहर के 159 वर्ष पुराने पुलों का हो निर्माण

मेरठ मंडल की कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने मंडलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी के दौरान गंगनहर पर 1850 में बने पुराने 31 पुलों की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि अपना जीवन काल ये पुल काफी समय पहले पूरा कर चुके हैं। अब इनपर वाहनों का दबाव भी अत्यधिक बढ़ गया है। किसी भी समय गंभीर हादसा हो सकता है। प्रमुख सचिव सिंचाई से बात भी की गई है। मुख्य सचिव से उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। 

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