Chaitra Navratri 2021 Guidelines: देवी दर्शन के लिए गाइडलाइन जारी, इन नियमों का करना होगा पालन
चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं। इसी के साथ हिंदू नववर्ष नव संवत्सर 2078 भी शरू होगा। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए मंदिरों में सुरक्षा व बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं। इसी के साथ हिंदू नववर्ष नव संवत्सर 2078 भी शरू होगा। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए मंदिरों में सुरक्षा व बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। भक्तों के लिए माता के मंदिर में प्रवेश को दो गज की दूरी और मास्क अनिवार्य होगा। वहीं, गर्भ गृह में एक समय में सीमित भक्त ही देवी दुर्गा के दर्शन कर सकेंगे।
बदला शयन आरती का समय: सदर स्थित काली माता मंदिर के पुजारी संकेत बनर्जी का कहना है कि नवरात्र में भक्तों की संख्या को ध्यान में रखते हुए आने और जाने के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पूजा करने के लिए गर्भ गृह में एक समय में 20 श्रद्धालु ही उपस्थित होंगे। इसके अलावा रात 10 बजे होने वाली शयन आरती का समय बदलकर अब रात नौ बजे कर दिया गया है, जिससे रात 10 बजे से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएं।
शुभ मुहूर्त में होगी कलश स्थापना: बच्चा पार्क स्थित कंठी माता मंदिर के पुजारी दिनेश नौटियाल का कहना है कि चैत्र की प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शुरू होकर 13 अप्रैल सुबह 10.16 बजे समाप्त होगी। इसलिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 13 अप्रैल को सुबह 5.45 बजे से 9.59 बजे तक है, और अभिजीत मुहूर्त 11.41 से 12.32 बजे तक रहेगा।
एक बार में दो श्रद्धालु कर सकेंगे मां मनसा देवी के दर्शन
गढ़ रोड स्थित मंसा देवी मंदिर के मुख्य पुजारी भगवत गिरि ने बताया कि नवरात्र से पहले मंदिर परिसर की साफ-सफाई करने के बाद ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। गर्भ गृह में एक पुजारी के अलावा एक समय में मात्र दो ही भक्त मां के दर्शन कर सकेंगे। नवरात्र में सुबह पांच बजे मां का श्रृंगार कर भक्तों के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे। रात आठ बजे आरती के बाद नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।