वैज्ञानिक विधि से निस्तारित होगा सीएंडडी वेस्ट
शहर में भवनों की टूट-फूट से निकला मलबा सड़कों पर पड़ा रहता है। यह नालियां जाम करता है और धूल उत्पन्न करता है। इसके निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण खुली जगह में इसे फेंक दिया जाता है।
मेरठ, जेएनएन। शहर में भवनों की टूट-फूट से निकला मलबा सड़कों पर पड़ा रहता है। यह नालियां जाम करता है और धूल उत्पन्न करता है। इसके निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण खुली जगह में इसे फेंक दिया जाता है। यह वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। लेकिन अब इसे लेकर शासन-प्रशासन गंभीर हुआ है। स्वच्छ सर्वेक्षण में इसके अंक निर्धारित होने के बाद नगर निगमों ने भी यह व्यवस्था लागू करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में मेरठ नगर निगम ने सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाने की योजना तैयार की है।
अब प्राइवेट और सार्वजनिक निर्माण के कारण उत्सर्जित सीएंडडी वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) को वैज्ञानिक विधि से निस्तारित किया जाएगा। प्लांट के लिए नगर निगम अधिकारियों ने तीन स्थानों का सर्वे कराया है। पहली जगह नूरनगर रोड किनारे सरस्वती लोक के समीप सरकारी जमीन, दूसरी जगह मलियाना में सरकारी जमीन और तीसरी जगह गांवड़ी में कचरा निस्तारण प्लांट का परिसर है। इन्हीं में से कोई एक स्थान को जल्द तय किया जाएगा।
यह होगा फायदा
सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगने से शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने में सफलता मिलेगी। सड़क पर भवनों के टूट-फूट का मलबा नहीं डालने दिया जाएगा। इसे उठाने की निगम व्यवस्था बनाएगा। इस मलबे में ईट-पत्थर अधिक मात्रा में होते हैं। इसकी प्लांट पर छंटाई कर उसे लैंडफिल में उपयोग में लाया जा सकेगा। सड़कों के गड्ढे भरने के काम में उपयोग होगा। मलबे के चलते सड़क पर आवागमन बाधित नहीं होगा। नालियां जाम नहीं होंगी।
15वें वित्त आयोग की मंडलीय समिति के सामने तीन करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तावित की गई थी। इसे मंजूरी मिल गई है। टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से एजेंसी चयन कर सीएंडडी वेस्ट प्लांट को स्थापित कराया जाएगा।
बृजपाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त।