CCSU Meerut News: विवि में छात्र पढ़ेंगे जनसंपर्क, फिल्म प्रोडक्शन और मोबाइल पत्रकारिता, बैठक में लिया गया फैसला

CCSU Meerut News मेरठ चौधरी चरण सिंह विवि के छात्रों को अब कुछ नया करने को मिलेगा। विद्वत परिषद की बैठक में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में चार नए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति दी गई। इन कोर्स के करने से रोजगार के रास्‍ते भी खुलेंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 01:30 PM (IST)
CCSU Meerut News: विवि में छात्र पढ़ेंगे जनसंपर्क, फिल्म प्रोडक्शन और मोबाइल पत्रकारिता, बैठक में लिया गया फैसला
विवि की विद्वत परिषद ने लिया निर्णय, इससे शोध को मिलेगा बढ़ावा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। CCSU Meerut News मेरठ चौधरी चरण सिंह विवि की विद्वत परिषद की बैठक में सोमवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में चार नए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति दी गई। पूर्व में संचालित एमजेएमसी पाठ्यक्रम को भी अपडेट किया है। पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग में सत्र 2021-22 में जनसंपर्क एवं विज्ञापन के क्षेत्र में पत्रकारिता छात्रों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसरों को ध्यान में रखते हुए एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन पब्लिक रिलेशन एंड एडवरटाइजिंग पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। इसमें छात्रों को जनसंपर्क एवं विज्ञापन का सैद्धांतिक-व्यवहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। छात्र आने वाले समय में सरकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोजगार पा सकेंगे।

सीखेंगे फिल्म प्रोडक्शन

विवि की ओर से एक वर्षीय डिप्लोमा इन फिल्म प्रोडक्शन का पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। इसमें छात्र-छात्राएं फिल्म पटकथा लेखन, कैमरा संचालन, अभिनय, निर्देशन, संपादन का प्रशिक्षण लेकर फिल्म प्रोडक्शन में करियर बना सकेंगे। एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम मोबाइल पत्रकारिता पर भी शुरू हो रहा है। मीडिया क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन फंक्शनल जर्नलिज्म शुरू हो रहा है। एमजेएससी पाठ्यक्रम में आठ पत्रकारों का योगदान भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा, जिनमें अतुल माहेश्वरी, भानु प्रताप शुक्ल, राम बहादुर राय, एस गुरुमूर्ती, चो. रामास्वामी और शशि शेखर शामिल हैं।

बढ़ेंगे शोध करने-कराने वाले

जूम एप पर बैठक हुई। बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों में विवि परिसर स्थित जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग के अलावा वनस्पति विज्ञान विभाग, बायो टेक्नोलाजी, सीड साइंस एंड टेक्नोलाजी, एग्रीकल्चर, बाटनी में परास्नातक करने वाले छात्र भी पीएचडी कर सकेंगे व शिक्षक बन सकेंगे। शासन के निर्देशानुसार सहायक आचार्य सह-आचार्य एवं आचार्य पद के लिए अभ्यर्थी चयन के नियमों में परिवर्तन किया गया है। अब साक्षात्कार में मिले नंबरों के आधार पर चयन होगा। विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षक भी शोध निर्देशक बन सकेंगे। उनकी योग्यता महाविद्यालय में पढ़ाने वाले पीजी पाठ्यक्रमों के शिक्षकों के समान ही होगी। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा ने की। प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा, प्रो. जयमाला, प्रो.नवीन चंद्र लोहनी, प्रो. हरे कृष्णा आदि उपस्थित रहे।

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