छह साल काल बाधित छात्र भी अब पूरी कर सकेंगे डिग्री

चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब छह साल के कालबाधित छात्र भी अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:56 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:56 PM (IST)
छह साल काल बाधित छात्र भी अब पूरी कर सकेंगे डिग्री
छह साल काल बाधित छात्र भी अब पूरी कर सकेंगे डिग्री

जागरण संवाददाता, मेरठ : चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब छह साल के कालबाधित छात्र भी अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे। परीक्षा समिति की ओर से लिये गए निर्णयों में एक साल का कालबाधित छात्र पाच हजार रुपये और दो साल का काल बाधित छात्र 10 हजार रुपये का शुल्क देकर परीक्षा दे सकता है। इसी तरह छह साल का कालबाधित छात्र भी 10 हजार शुल्क देकर परीक्षा दे सकते हैं। इसके अलावा चुनौती मूल्याकन के लिए यदि छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कैन कापी आनलाइन देखना चाहते हैं तो 300 रुपये शुल्क देकर कापी देख सकते हैं। स्क्रूटनी में यदि छात्र कापी का पुन: निरीक्षण कराना चाहते हैं तो 250 रुपये प्रति पेपर शुल्क देकर करा सकते हैं। बैठक में प्रति कुलपति प्रोफेसर वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा, सहायक कुलसचिव गोपनीय विकास कुमार, सहायक कुलसचिव एकाउंट कमल कृष्ण, सहायक कुलसचिव परीक्षा सत्य प्रकाश, प्रोफेसर मृदुल गुप्ता, प्रोफेसर एसएस गौरव, प्रोफेसर प्रशात कुमार, डा. मुकेश जैन, प्रोफेसर विजय जायसवाल, डा. जीनत जैदी, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

छोटे प्रयास से शुरू करें अपना व्यवसाय: मिशन शक्ति अभियान के तृतीय चरण में शनिवार को शहीद मंगल पाडे पीजी कालेज में महिला स्वावलंबन और सशक्तीकरण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'उद्यमिता से स्वावलंबन' रहा। उद्यमी और इंद्रा पैकेजिंग इंडस्ट्री की मालिक इंद्रा गुप्ता ने जीवन के अनुभव साझा किए। बताया कि एक छोटे से प्रयास से व्यवसाय शुरू किया और आज सफल उद्यमी के रूप में स्थापित हैं। यहां तक कि लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रही हैं। सेमिनार में प्राचार्य प्रो. अंजू सिंह ने डा. लता कुमार, डा. अनुजा गर्ग और डा. भारती दीक्षित भी उपस्थित रहीं।

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