CBSE ने शंका की दूर, जिला राज्य व राष्ट्रीय औसत पर होंगे नए स्कूलों के रिजल्ट
सत्र 2021 की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को लेकर CBSE ने स्कूलों की शंका दूर की हैं। इस साल पहली बार बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट औसत निकालने के लिए जिला राज्य व राष्ट्रीय पर तैयार हो सकते हैं।
जागरण संवाददाता, मेरठ। सत्र 2021 की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को लेकर सीबीएसई ने स्कूलों की शंका दूर की हैं। इस साल पहली बार बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट औसत निकालने के लिए सीबीएसई ने स्कूलों को राष्ट्रीय औसत दिए थे, लेकिन अब जिन स्कूलों का रिजल्ट राष्ट्रीय औसत से अच्छा है, उनके लिए राज्य व जिला के रिजल्ट औसत को भी रेफरेंस के लिए दिया गया है। तीनों में जो भी औसत स्कूल के रिजल्ट के निकट होगा, स्कूल उसी आधार पर अपना रिजल्ट तैयार कर सकते हैं।
रिवर्स माडरेशन भी करने होंगे: 12वीं का रिजल्ट तैयार करने की दिशा में अंकों का माडरेशन करने पर अंक अधिक के साथ ही कम भी करने पड़ सकते हैं। सीबीएसई ने मार्क्स बैंड जारी किए हैं। उन मार्क्स बैंड के अनुरूप रेफरेंस वर्ष की ही तरह इस साल भी छात्र संख्या होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर 95 से 100 मार्क्स बैंड में छात्र संख्या का फीसद रेफरेंस वर्ष के समान ही होगा। इसी तरह अन्य मार्क्स बैंड में भी छात्र संख्या तकरीबन समान ही होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर रेफरेंस इयर में यदि छात्र संख्या 100 थी औ उनमें से 90 से 94 फीसद के बीच चार छात्र थे, और इस साल छात्र संख्या स्कूल में 200 हो गई हैं तो 90 से 94 मार्क्स बैंड में आठ छात्र ही होंगे।
छठे विषय के अंक सीधे सीबीएसई ही जोड़ेगा
पांच मुख्य विषयों में से छात्र यदि किसी एक विषय में किसी कारण अनुपस्थित रहा है तो उनके छठे विषय का अंक रिप्लेस कर अपलोड नहीं हो पा रहा है। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह पासिंग क्राइटेरिया से संबंधित मामला है और इसमें अनुपस्थिति विषय को छठे विषय से बदलने का कार्य सीबीएसई स्वयं करेगी।