CBSE 10th Board: 10वीं में बेसिक मैथ्स वालों को भी 11वीं में मिलेगा मैथ्स, जानें सीबीएसई की पालिसी के बारे में

सीबीएसई की कक्षा 10वीं में बेसिक मैथ्स लेकर पढऩे वाले छात्रों को भी 11वीं में मैथ्स लेकर पढऩे का अवसर मिलेगा। सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में छात्रों को उत्तीर्ण किए जाने की पालिसी में इस साल यह सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा कई प्रावधान किए गए हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 04:25 PM (IST)
CBSE 10th Board: 10वीं में बेसिक मैथ्स वालों को भी 11वीं में मिलेगा मैथ्स, जानें सीबीएसई की पालिसी के बारे में
सीबीएसई 10वीं को लेकर बोर्ड ने कई प्रावधान किए हैं।

मेरठ, जेएनएन। CBSE 10th Board सत्र 2020-21 में कक्षा 10वीं में बेसिक मैथ्स लेकर पढऩे वाले छात्रों को भी 11वीं में मैथ्स लेकर पढऩे का अवसर मिलेगा। सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में छात्रों को उत्तीर्ण किए जाने की पालिसी में इस साल यह सुविधा प्रदान की है। इसके साथ ही इस साल की बोर्ड परीक्षा इस पालिसी के तहत उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को वेरीफिकेशन आफ माक्र्स, उत्तर पुस्तिका की फोटोकापी और पुर्नमूल्यांकन की सुविधाएं नहीं मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि रिजल्ट स्कूल ही तैयार कर रहे हैं। स्कूलों में टेस्ट से लेकर प्री-बोर्ड तक की कापी छात्रों को दिखाई या दी जाती है। उन्हीं आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही स्कूल रिजल्ट तैयार करेंगे।

ऐसे समझें अंकों का गणित

कुल अंक : 100

इंटरनल असेस्मेंट : 20 अंक

एक्सटर्नल असेस्मेंट : 80 अंक

इंटर्नल असेस्मेंट : 20 अंक

सब्जेक्ट एनरिचमेंट : पांच अंक

मल्टीपस असेस्मेंट : पांच अंक

पीटी एक, दो व तीन का औसत : पांच अंक

पार्टफोलिया : पांच अंक

नोट : उक्त असेस्मेंट न होने पर स्कूल आनलाइन क्विज, प्रजेंटेशन व पोर्टफोलिया करा सकते हैं।

स्कूल द्वारा एक्सटर्नल असेस्मेंट : 80

पीरियोडिक टेस्ट-1 या यूनिट टेस्ट : 10 अंक

पीरियोडिक टेस्ट-2 या छमाही या मिड टर्म एग्जाम : 30 अंक

प्री-बोर्ड एग्जाम : 40 अंक

नोट : एक से ज्यादा टेस्ट होने पर वेटेज, एवरेज या बेस्ट परफार्मेंस ले सकते हैं।

आठ सदस्यीय समिति करेगी रिजल्ट तैयार

कमेटी के चेयरमैन स्कूल के प्रिंसीपल होंगे। आंतरिक समिति में स्कूल के गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और दो भाषा शिक्षक होंगे। एक्सटर्नल कमेटी में निकटतम सीबीएसई स्कूल के दो शिक्षक होंगे। बाहरी शिक्षक एक-दूसरे स्कूल के नहीं होंगे। एक ही प्रबंधन के स्कूलों के शिक्षक नहीं होंगे। सीबीएसई भी दो वाह्य सदस्य समिति में दे सकती है।

रेफरेंस इयर से निकलेगा छात्रों का औसत

सभी स्कूल पिछली तीन बोर्ड परीक्षाओं में से एक रेफरेंस इयर चुनेंगे। तीनों सालों में सबसे अच्छे औसत को रेपुरेंस इयर चुना जाएगा। यदि दो साल का ही डाटा उपलब्ध है तो दोनों में बेहतरीन औसत को रेफरेंस माना जाएगा। जिस स्कूल के पास एक ही साल का डाटा है उनका विवरण सीबीएसई खुद देगी।

रेफरेंस इयर से अधिक नहीं होगा औसत

साल 2021 में सभी पांच विषयों के लिए ओवरआल औसत अंक रेफरेंस इयर से अधिक नहींं होना चाहिए। विषयवार अंक में केवल दो अंक ऊपर-नीचे कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर रेफरेंस इयर में यदि गणित विषय का औसत 62 अंक रहा हो तो साल 2021 के रिजल्ट में भी छात्रों का गणित विषय का औसत 60 से 64 के बीच ही होना चाहिए। जिसने टेस्ट नहीं दिया उनके आनलाइन टेस्ट ले सकते हैंं। यदि किसी छात्र ने पांच से अधिक विषय लिए हैं तो बेस्ट तीन विषय के अंक लिए जा सकते हैं।

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