CBI raid in meerut: राजस्नेह ग्रुप के तीन निदेशकों के घर सीबीआइ का छापा, 65 करोड़ के लोन का मामला

मेरठ में सीबीआइ की चार टीमें शुक्रवार सुबह पहुंचीं। इसके बाद दो टीमों ने राजस्नेह ग्रुप के निदेशक अशोक जैन के सूर्या पैलेस और प्रेमपुरी स्थित आवास पर छापा मारा। तीसरी टीम ने निदेशक मनोज गुप्ता के सदर बाजार स्थित आवास पर छापेमारी की।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 11:01 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 08:03 AM (IST)
CBI raid in meerut: राजस्नेह ग्रुप के तीन निदेशकों के घर सीबीआइ का छापा, 65 करोड़ के लोन का मामला
मेरठ के सभी चार आवासों पर सुबह आठ से शाम पांच बजे तक चली कार्रवाई।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में केंद्रीय जांच ब्‍यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। पंजाब नेशनल बैंक के 65 करोड़ लोन की रिकवरी नहीं होने पर सीबीआइ की टीम ने राजस्नेह ग्रुप के तीन निदेशकों के चार आवासों पर छापामारी की। शुक्रवार सुबह आठ बजे से देर शाम तक चली कार्रवाई में सीबीआइ ने लोन के सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए। सभी निदेशकों से अलग-अलग पूछताछ की। बताया जाता है कि टीम ने दस साल में कंपनी के मुनाफे और नुकसान के बारे में भी जानकारी जुटाई।

यह पर हुई छापेमारी

गाजियाबाद सीबीआइ की चार टीमें सुबह आठ बजे मेरठ पहुंचीं। सीबीआइ की दो टीमों ने राजस्नेह ग्रुप के निदेशक अशोक जैन के सूर्या पैलेस और प्रेमपुरी स्थित आवास पर छापा मारा। तीसरी टीम ने निदेशक मनोज गुप्ता के सदर बाजार स्थित आवास पर छापेमारी की। चौथी टीम राजस्नेह ग्रुप से निदेशक पद से हटाए गए अनिल जैन के घर वीरनगर ब्रह्मपुरी पहुंची। चारों टीमों ने सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक सभी निदेशकों के आवास पर दस्तावेज खंगाले।

संपत्ति बैंक में जमानत के तौर पर

बताया जाता है कि राजस्नेह ग्रुप ने 2011 में पंजाब नेशनल बैंक की स्पोट्र्स कांप्लेक्स शाखा से मेसर्स राजस्नेह आटो इंडिया, राजस्नेह आटो प्राइवेट लिमिटेड और राजस्नेह आटो व्हील्स प्राइवेट लिमिटेड पर 65 करोड़ का लोन लिया था। लोन की एवज में संपत्ति बैंक में जमानत के तौर पर रखी थी। निदेशकों ने व्यापार में नुकसान दिखाकर बैंक का ऋण नहीं दिया। बताया जाता है ब्याज के साथ यह रकम अब बढ़कर 82 करोड़ हो चुकी है। बैंक ने संपत्ति नीलाम कर करीब छह करोड़ की रकम वसूल ली है। उसके अलावा बाकी संपत्ति को बैंक ने सीज कर दिया है।

कोर्ट ने निरस्‍त किया था मामला

बैंक की तरफ से स्पेशल सीजेएम कोर्ट में केस दायर किया गया था। कोर्ट ने मामला सिविल का बताकर निरस्त कर दिया था। उसके बाद बैंक की तरफ से 156(3) (कोर्ट के आदेश पर मुकदमा) में मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद बैंक हाई कोर्ट भी गया। 2018 में बैंक ने सीबीबाइ में भी शिकायत दर्ज कराई था। बताया जाता है कि उसी शिकायत पर सीबीआइ ने छापामारी की है। सीबीआइ की टीम ने सभी निदेशकों के आवास पर जांच पड़ताल की। जाते समय सीबीआइ के अफसरों ने बस इतना कहा कि इसकी आधिकारिक जानकारी दिल्ली स्थित कार्यालय में दी जाएगी।

टीम को पूरा सहयोग किया

निदेशक अशोक जैन ने बताया कि सीबीआइ की टीम को पूरी तरह से सहयोग किया गया है। सभी दस्तावेज उन्हें मुहैया करा दिए है। साथ ही पूरा मामला बता दिया गया है। सीबीआइ ने कंपनी के सीए को बुलाकर भी विस्तार से पूरे मामले को समझा है। अनिल जैन ने बताया कि उनके घर पर सीबीआइ की टीम नहीं पहुंची है, जबकि उनके बेटे अंशुल जैन ने सीबीआइ की टीम वीरनगर स्थित आवास पर पहुंचना स्वीकार किया है। उनका कहना था कि हम कंपनी के डायरेक्टर पद से हटा दिए गए थे। हमारा लोन से कोई लेना देना नहीं था। बैंक को अवगत करा चुके है।

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