एक ही IMEI पर हजारों मोबाइल : नोटिस का जवाब नहीं देने पर चीन की कंपनी के खिलाफ दर्ज होगा केस
मेरठ पुलिस ने वीवो कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब न मिलने पर कंपनी को भी मुकदमे में आरोपित बनाया जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के उत्तर प्रदेश में एक IMEIआइएमईआइ (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आइडेंटिटी) नंबर पर उत्तर प्रदेश में 13,557 मोबाइल चलने की घटना ने पूरे देश में हलचल पैदा कर दी है। पुलिस ने वीवो कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब न मिलने पर कंपनी को भी मुकदमे में आरोपित बनाया जाएगा। पुलिस ने अन्य नेटवर्किंग कंपनियों को भी पत्र जारी किया है ताकि वह अपने नेटवर्क में देखें कि वीवो के कितने मोबाइल नंबर एक ही आइएमईआइ पर चल रहे हैं। साइबर सेल ने जियो कंपनी से भी एक आइएमईआइ पर चल रहे 13,557 नंबरों के विवरण मांगे हैं ताकि मोबाइलधारकों से भी बातचीत की जा सके।
अपना पक्ष रखने को कहा
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि एक साल पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक लाख मोबाइल नंबर एक आइएमईआइ पर चलने की बात सामने आई थी। उस समय भी मुकदमा दर्ज किया गया, तब भी कंपनी ने इस संबंध में कोई गौर नहीं किया। उसके बाद भी वीवो कंपनी के मोबाइल एक आइएमईआइ पर चल रहे हैं। ऐसे में कंपनी को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर कंपनी को भी मुकदमे में आरोपित बनाया जाएगा। साइबर सेल जांच कर रही है। जबलपुर समेत कुछ अन्य राज्यों से भी इस संबंध में बातचीत चल रही है। यहां से रिपोर्ट देने के बाद शासन ने गृह मंत्रालय को भी भेज दिया है।
ये है मामला
एडीजी ऑफिस में तैनात दारोगा आशाराम ने नौ मार्च 2017 में वीवो कंपनी का मोबाइल खरीदा था। मोबाइल खराब होने पर 24 सितंबर 2019 को ब्रह्मपुरी के शारदा रोड स्थित वीवो के सर्विस सेंटर पर सही कराने के लिए दिया, जिसमें स्क्रीन, डिस्प्ले, एफएम बोर्ड बदलने की बात कहकर 2650 रुपये लिए गए। घर पर आकर देखा तो मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदला हुआ था। दारोगा ने मामले की शिकायत एडीजी से की। उन्होंने साइबर सेल को जांच करने के आदेश दिए। साइबर सेल की टीम ने जीओ कंपनी से आइएमईआइ रन कराई, जिसमें पता चला कि 13,557 मोबाइल एक ही आइएमईआइ पर चल रहे हैं। दारोगा की तहरीर पर मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
मॉनीटरिंग कर रहे एसएसपी
मेरठ जोन के एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि साइबर सेल की टीम पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। मॉनीटरिंग खुद एसएसपी अजय साहनी कर रहे हैं। शासन को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। वीवो कंपनी को नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है ताकि पता चल सके कि मोबाइल नंबरों की आइएमईआइ कहां बदली गई है। यह चिंता का विषय है।
दिल्ली में ट्रेनिंग लेकर 7 मिनट में चेंज करते हैं IMEI
मेरठ में चोरी व गुम हुए मोबाइलों को ठिकाने लगाने के लिए नेटवर्क से जुड़े लोग दिल्ली के गफ्फार मार्केट से आइएमईआइ नंबर बदलने का तीन दिन का कोर्स करके आए हैं। साइबर सेल की जानकारी में आया है कि आइएमईआइ नंबर चेंज करने की डिवाइस भी मार्केट में उपलब्ध है। इस डिवाइस से सॉफ्टवेयर सीडी से फाइलें खोलकर मोबाइल को कनेक्ट कर दिया जाता है। इसके बाद आइएमईआइ नंबर को रिप्लेस कर दिया जाता है। इसे रैकेट की भाषा में मोबाइल की रिलांचिंग कहा जाता है। यह कारोबार दिल्ली के जयेंद्रगंज व टोपी बाजार में भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस गैंग की तलाश करने में पुलिस की टीमें लगा दी गई है।
क्या है आइएमईआइ नंबर
हर मोबाइल की पहचान होता है आइएमईआइ नंबर। आइएमईआइ नंबर से टेलीकॉम कंपनियां यह भी पता लगा लेती हैं कि यह मोबाइल किस स्थान व किस टॉवर पर एक्टिव है।