तेल चोरी के आरोप में जेल जा चुके ज्ञानेंद्र और सचिन पर अब जमीन कब्जाने का केस Meerut News

तेल चोरी के आरोप में जेल जा चुके होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी और उसके पार्टनर सचिन चौधरी एक बार फिर पुलिस कार्रवाई की जद में हैं। अब इन पर जमीन कब्‍जाने का आरोप लगा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:54 AM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 04:04 PM (IST)
तेल चोरी के आरोप में जेल जा चुके ज्ञानेंद्र और सचिन पर अब जमीन कब्जाने का केस Meerut News
तेल चोरी के आरोप में जेल जा चुके ज्ञानेंद्र और सचिन पर अब जमीन कब्जाने का केस Meerut News

मेरठ, जेएनएन। तेल चोरी के आरोप में जेल जा चुके होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी और उसके पार्टनर सचिन चौधरी एक बार फिर पुलिस कार्रवाई की जद में हैं। दोनों के खिलाफ नगर निगम के लेखपाल की ओर से नाले की जमीन कब्जाने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि दिल्ली रोड स्थित होटल के सामने नाले का आधा हिस्सा कब्जा कर स्लैब बना दिए गए हैं, जिससे कई गांव में बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भू-माफिया के रूप में सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत कार्रवाई की है।

तहरीर को संस्‍तुति के साथ थाने भेजा

नगर निगम के लेखपाल रुद्रेश कुमार की तहरीर को संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने संस्तुति के साथ थाना परतापुर में भेजा, जिसपर पुलिस ने होटल दोआब विलास के मालिक गांव नंगला गोसाई निवासी ज्ञानेंद्र कुमार चौधरी तथा उनके पार्टनर मवाना की ए-15 नालंदा कालोनी निवासी सचिन चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

विवादों से रहा है पुराना नाता

डूगंरावली में नाले की जमीन पर कब्जा करने को लेकर कार्रवाई की जद में आए ज्ञानेंद्र चौधरी का विवादों से पुराना नाता है। आइओसी की पाइप लाइन से करोड़ों का तेल चोरी करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। उनके खिलाफ महापौर पर तमंचा तानकर जान से मारने की धमकी का मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

केस एक

16 फरवरी 2014 को परतापुर थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार परतापुर क्षेत्र में 15 फीट की सुरंग बनाकर आइओसी (इंडियन ऑयल कापरेरेशन) की पाइप लाइन से करोड़ों का तेल चोरी कर लिया। पाइप लाइन से 27 जनवरी से 15 फरवरी तक तेल चोरी किया गया। पाइप लाइन में तेल का प्रेशर कम होने पर विभाग स्तर पर जांच की गई। करीब 15 दिनों की मशक्कत के बाद तेल चोरी का पर्दाफाश हुआ था। आइओसी की तरफ से परतापुर थाने में आरोपित ज्ञानेंद्र चौधरी, नरेंद्र चौधरी, सुकरमपाल, बबलू और सत्ते को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था। सभी के खिलाफ पुलिस कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है।

ये हुई कार्रवाई

इंस्पेक्टर आनंद मिश्र के मुताबिक, ज्ञानेंद्र चौधरी जमानत पर जेल से बाहर आ चुके है। मुकदमा ट्रायल पर चल रहा है, जिसमें सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय है। आइओसी की ओर से मुकदमे की पैरवी की जा रही है।

केस दो

13 दिसंबर 2014 को अवैध होर्डिग के खिलाफ अभियान में ज्ञानेंद्र चौधरी ने तत्कालीन महापौर हरिकांत अहलूवालिया पर पिस्टल तानकर जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में टीपीनगर थाने में पार्षद र¨वद्र तेवतिया की ओर से ज्ञानेंद्र चौधरी, उसके पार्टनर सचिन चौधरी, शाहनवाज और कामिल के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस की जांच में सभी आरोपित पाए गए हैं। साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने 10 जनवरी 2015 को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है, जिस मुकदमे की सुनवाई अदालत में विचाराधीन है।

केस तीन

14 दिसंबर 2012 को अवैध होर्डिंग अभियान के दौरान हजारी के प्याऊ पर लगे दो यूनिपोल को काटने का ठेकेदार के बाउंसरों ने विरोध करते हुए दबंगई दिखाई थी। तब भाजपा नेताओं ने उन्हें दौड़ा लिया था। पुलिस ने लाठियां चलाकर बाउंसरों को मौके से भगा दिया था। साथ ही दोनों अवैध यूनिपोल तोड़कर जब्त कर लिए थे।

केस चार

02 अप्रैल 2015 को गंगानगर में होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी ने मीडियाकर्मी पर पिस्टल तानकर जान से मारने की धमकी दी। मीडियाकर्मी ने गंगानगर थाने में ज्ञानेंद्र चौधरी और सचिन चौधरी के खिलाफ तहरीर दी गई थी। देर रात कई घंटों तक जद्दोजहद हुई। उसके बाद दूसरे दिन पुलिस की बीच बचाव में दोनों पक्षों का समझौता हो गया था।

इनका कहना है

नगर निगम के लेखपाल की तहरीर मिलने के बाद जमीन पर कब्जा करने का मुकदमा ज्ञानेंद्र और सचिन पर दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। नाले पर कब्जा करने की वजह से कई गांवों से पानी की निकासी तक नहीं हो पा रही है। दोनों आरोपितों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा।

- अजय साहनी, एसएसपी

भूमि कब्जाने के आरोप में यह हुआ है मुकदमा

सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 गैरजमानती है। आरोपित को इसमें पांच साल की सजा हो सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी ने बताया कि पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट में आरोपित को गिरफ्तार किया जा सकता है।

रिपोर्ट दर्ज होने से हलचल

होर्डिग ठेकेदार और तेल चोरी के आरोपी ज्ञानेंद्र चौधरी के विरुद्ध नगर निगम प्रशासन द्वारा एफआइआर दर्ज कराने से शहर में हलचल मची है, दरअसल नगर निगम में होर्डिग ठेकेदार का राज चलता है। लंबे समय से उसके विरुद्ध कार्रवाई की हिम्मत कोई अधिकारी नहीं जुटा सका। या फिर अधिकारी उसके खेल में शामिल थे, इसलिए कार्रवाई नहीं की। गुरुवार को अचानक निगम अफसरों में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसके पीछे कोई और वजह तो नहीं है। दिनभर चली पैमाइश और अन्य गतिविधियों में जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी सक्रिय रहे।

यह है अपराध

लेखपाल की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली बाईपास स्थित गांव डुंगरावली की गाटा संख्या 68 की भूमि राजस्व अभिलेखों में नाला (छोइया) के रूप में दर्ज है। इस नाले से कई गांवों के बारिश और रोजाना का दूषित पानी की निकासी होती है। इस नाले के पास होटल है। तहसील के लेखपाल प्रहलाद द्वारा गाटा संख्या 68 की भूमि की पैमाइश की गई। इसके मुताबिक नाले की चौड़ाई 11 मीटर तथा लंबाई 86 मीटर है। मौके पर 5.8 मीटर चौड़ा नाला मिला। 5.2 मीटर चौड़ी और 86 मीटर लंबी पट्टी को होटल में मिला लिया गया है। नाले को क्षतिग्रस्त करके उसका स्वरूप परिवर्तित कर दिया गया है। इससे गांव के गंदे पानी की निकासी भी अवरुद्ध हो गई है। निर्माण के कारण पानी की निकासी संभव भी नहीं है। बारिश के दिनों में कई गांव का पानी रुक जाता है, जिससे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

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