मेरठ कॉलेज के गौरव को आगे बढ़ाएं

15 जुलाई को मेरठ कॉलेज ने 128 साल का सफर पूरा कर लिया। कॉलेज के स्थापना दिवस पर मेरठ कॉलेज में पौधारोपण किया गया। साथ ही शाम के समय वेबिनार में कॉलेज के संस्मरण को याद करते हुए सफरनामा का विमोचन किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 10:00 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 10:00 AM (IST)
मेरठ कॉलेज के गौरव को आगे बढ़ाएं
मेरठ कॉलेज के गौरव को आगे बढ़ाएं

मेरठ, जेएनएन। 15 जुलाई को मेरठ कॉलेज ने 128 साल का सफर पूरा कर लिया। कॉलेज के स्थापना दिवस पर मेरठ कॉलेज में पौधारोपण किया गया। साथ ही शाम के समय वेबिनार में कॉलेज के संस्मरण को याद करते हुए सफरनामा का विमोचन किया।

कॉलेज परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम में कॉलेज के अवैतनिक सचिव डा.रामकुमार गुप्ता, प्राचार्य डा. युद्धवीर सिंह, डा. अंजलि मित्तल, डा. हरिशंकर राय और अन्य शिक्षक मौजूद रहे। शाम को वेबिनार में अवैतनिक सचिव, प्राचार्य और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा.राजीव गुप्ता ने शिरकत की। कॉलेज की शिक्षा विभाग की ओर से डा.मंजू गुप्ता की लिखित द ग्लोरियस 128 वर्ष का विमोचन किया गया। इसमें कॉलेज के गौरवशाली परंपराओं को लिखा गया है। कॉलेज की स्थापना के समय 58 छात्र थे, जिसकी संख्या अब नौ हजार हो गई है। पुस्तक में कॉलेज के लिए दान देने वाले लोगों का भी जिक्र है। वेबिनार में कॉलेज की इस गौरवशाली परंपरा को भी आगे बढ़ाने की बात कही गई। वेबिनार में कॉलेज के कई शिक्षक भी उपस्थित रहे।

भाषाओं में भी खूब बरसे नंबर

मेरठ : सीबीएसई दसवीं के नतीजों में छात्र-छात्राओं ने हर भाषा में अच्छे अंक हासिल किए हैं। अंग्रेजी मीडियम स्कूलों मे माना जाता है कि ज्यादातर बच्चे गणित, विज्ञान के अलावा, हिदी, संस्कृत, अंग्रेजी व फ्रेंच जैसे विषयों पर कम ध्यान देते हैं। मेडिकल और इंजीनियरिग की तैयारी के प्रयास में उनकी प्राथमिकता विज्ञान और गणित की रहती है, जिसके लिए वे कोचिंग भी करते हैं।

बुधवार को दसवीं के परिणाम पर नजर डालें तो संस्कृत, हिदी, फ्रेंच, अंग्रेजी सभी भाषाओं में बहुत से स्कूलों में छात्रों ने 100 में से 100 नंबर भी प्राप्त किए हैं। दसवीं में अंग्रेजी के अलावा छात्रों को हिदी, संस्कृत या कोई अन्य भाषा लेने का विकल्प दिया जाता है। मेरठ में ज्यादातर स्कूलों में अंग्रेजी के साथ छात्रों ने दूसरे विषय के तौर पर हिदी लिया। सभी विषयों में देखें तो अंग्रेजी में अपेक्षाकृत एक दो नंबर कम रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों में फ्रेंच जैसे विदेशी भाषा में 100 में से 100 नंबर हासिल किए। दीवान पब्लिक स्कूल ग्रुप के निदेशक एचएम राउत का कहना है कि अंग्रेजी जैसे विषय में छात्र कम ध्यान देते हैं। सबसे अधिक बच्चों का फोकस विज्ञान, गणित पर रहता है। 12वीं तक आते आते बहुत से छात्र भाषा को गंभीरता से नहीं लेते हैं, जबकि यह भी जरूरी है। अगर बच्चे इन विषयों पर ध्यान दें तो भाषा में शतप्रतिशत अंक पाने वाले छात्रों की संख्या और बढ़ सकती है।

100 में 100 नंबर

दीवान पब्लिक स्कूल में फ्रेंच में छह, संस्कृत में चार, हिदी में दो छात्रों ने 100 में से 100 अंक पाया है। केएल इंटरनेशनल स्कूल में अंग्रेजी में चार, हिदी में एक, संस्कृत में चार छात्र- छात्राओं ने पूर्णाक लेकर सफलता हासिल की है।

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