अगले छह माह तक नहीं बदलेगा कैंट बोर्ड का स्वरूप, इस कारण बढ़ा कार्यकाल Meerut News

ऐसी अटकलें लग रहीं थीं कि 12 जुलाई को बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के साथ दोबारा से उपाध्यक्ष का चुनाव कराना पड़ सकता है। क्योंकि उपाध्यक्ष का चुनाव पांच साल के लिए होता है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 10:40 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:09 PM (IST)
अगले छह माह तक नहीं बदलेगा कैंट बोर्ड का स्वरूप, इस कारण बढ़ा कार्यकाल Meerut News
अगले छह माह तक नहीं बदलेगा कैंट बोर्ड का स्वरूप, इस कारण बढ़ा कार्यकाल Meerut News

मेरठ, जेएनएन। छावनी परिषद के मौजूदा बोर्ड का 12 जुलाई को पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। कोविड को देखते हुए छावनी बोर्ड का कार्यकाल छह महीने के लिए पहले ही बढ़ चुका है। ऐसे में जनवरी 2021 तक बोर्ड का यही स्वरूप बना रहेगा। इसमें उपाध्यक्ष को लेकर भी कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

ऐसी अटकलें लग रहीं थीं कि 12 जुलाई को बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के साथ दोबारा से उपाध्यक्ष का चुनाव कराना पड़ सकता है। क्योंकि उपाध्यक्ष का चुनाव पांच साल के लिए होता है। छावनी परिषद के अनुसार विपिन सोढ़ी बीच में उपाध्यक्ष बने, उनका कार्यकाल पांच साल नहीं हुआ है।

ऐसी स्थिति में अगर सदस्यों के बीच से अविश्वास प्रस्ताव आता है तो उपाध्यक्ष के चुनाव की संभावना जताई जा सकती है। हालांकि मौजूदा बोर्ड में आठ में छह सदस्य भाजपा समर्थित हैं। इन्हीं के सहयोग से विपिन सोढ़ी उपाध्यक्ष बने थे। इस स्थिति को देखते हुए अगले छह महीने उपाध्यक्ष को लेकर भी कोई हेरफेर नहीं होने वाला है।

अगले साल से उपाध्यक्ष का सीधे चुनाव

मौजूदा बोर्ड में उपाध्यक्ष का चुनाव वार्ड के सदस्यों की ओर से किया है। अगले साल छावनी का चुनाव होता है तो उपाध्यक्ष सीधे जनता चुनेगी।

ईमेल से दर्ज करें आपत्ति

छावनी परिषद में वर्ष 2020-21 की मतदाता सूची पर अंतिम रूप से आपत्तियां मांगी गई हैं। मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद उस पर अगर किसी को आपत्ति है, या कोई संशोधन है तो वह 20 जुलाई तक उसे करा सकते हैं। छावनी परिषद ने ई-मेल से भी सुझाव और आपत्तियां देने की सुविधा दी है। 

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