यूपी : सहारनपुर में कोरोना से व्यापारी की मौत, सदमे में पत्नी ने भी जहरीला पदार्थ खाकर दी जान
सहारनपुर में वाकई यह बेहद दुखद घटना है। यहां रामपुर मनिहारान में कोरोना पीड़ित एक व्यापारी ने मेडिकल कॉलेज में उपचार को दौरान दम तोड़ दिया। पति की मौत का सदमा पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने भी जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारान में कोरोना संकट के बीच यह घटना झकझोर तक रख देने वाली है। कोरोना एक पीड़ित व्यापारी ने मेडिकल कॉलेज में उपचार को दौरान दम तोड़ दिया। पति की मौत का सदमा पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने भी जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। व्यापारी के बेटे की करीब दो वर्ष पहले ही एक दुर्घटना में मौत हो चुकी है। अब परिवार में व्यापारी की सिर्फ तीन बेटियां बची हैं। माता-पिता की मौत के बाद से इनका भी रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद से आसपास के लोग भी सदमे में हैं।
बेटे की छत से गिरकर हो गई थी मौत
थाना क्षेत्र के डिंपल गुर्जर मूल रूप से रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव जंधेड़ा के रहने वाले थे। उनके बड़े भाई संजय वर्मा ने बताया कि उनकी कोर्ट रोड पर डीआईजी ऑफिस के पास फोटो-स्टेट की शॉप है। वह कई वर्षों से परिवार के साथ कोतवाली सदर बाजार क्षेत्र की पंजाबी कालोनी में रह रहे थे। डिंपल के बेटे की करीब दो वर्ष पहले छत से गिरकर मौत हो गई थी। तीन दिन पहले डिंपल को कोरोना होने पर पिलखनी स्थित सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मंगलवार देर रात उपचार के दौरान डिंपल कोरोना वायरस से जंग हार गए और उनकी मौत हो गई।
खा लिया जहरीला पदार्थ
यह खबर जैसे ही पंजाबी बाग में घर पर मौजूद पत्नी सुनीता को चली वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई। पति की मौत हो जाने की खबर से बौखलाई पत्नी ने घर में रखा जहरीला पदार्ख खा लिया। इस बात का पता चलते ही परिवार में कोहराम मच गया। आनन-फानन में परिजन सुनीता को लेकर दिल्ली रोड स्थित एक प्राईवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टर सुनीता को बचा नहीं सके। कुछ ही देर बाद सुनिता ने भी दम तोड़ दिया।
गांव में शोक की लहर
सुनीता की सबसे छोटी बेटी करीब डेढ़ साल की है। व्यापारी और उनकी पत्नी की उम्र 35 से 40 के बीच ही थी। दंपति की मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इस घटना के बाद से अब तीनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। सबसे छोटी बेटी को अभी यह भी समझ नहीं है, उसके सिर से मां-बांप का साया उठ गया है। गांव जनदेहडा के पूर्व प्रमुख चौधरी घनश्याम सिंह, वर्तमान प्रधान चौधरी तरसपाल ने बताया घटना के बाद गांव में भी शोक की लहर हैं। सुनीता की बड़ी बेटी नौ साल की है और सबसे छोटी बेटी डेढ़ साल की। छोटी बेटी अभी यह भी नहीं समझ पाई है कि उसके सिर से मां-बाप का साया उठ गया है। व्यापारी का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप हुआ जबकि पत्नी का अंतिम संस्कार गांव में स्वजन ने किया।