दुस्साहस की हद : मेरठ में मोहल्ले से लेकर थाने तक ताबड़तोड़ चलती रही गोलियां, चारों ओर मची अफरा-तफरी
Firing in kotala Meerut आरोपित मोहल्ले की गलियों से लेकर थाने तक एक दूसरे पर वार करते रहे। पूर्व मेयर का रिश्तेदार बताकर दूसरे पक्ष पर समझौते का दबाव बना रहे थे।
मेरठ, जेएनएन। Firing in kotala Meerut कोटला में आसिफ और शारिक दोनों भाईयों की दबंगई चलती है। दोनों पहले भी कई संगीन वारदातों में जेल जा चुके है। गुरुवार को भी दोनों भाईयों ने सलीमुद्दीन के घर में घुसकर जमकर गदर काटा। दोनों ने ताबड़तोड़ करीब बीस राउंड फायरिंग की (firing of 20 round), जिससे पूरे मोहल्ले में अफरा तफरी का माहौल बन गया। दोनों खुद को पूर्व मेयर का रिश्तेदार बताकर पीड़ित पक्ष पर थाने में ही मसझौते का दबाव भी बना रहे थे। उधर, पीड़ित पक्ष को बचाने का एक युवक ने प्रयास किया तो उसे भी पैर में गोली मारकर आरोपितों ने घायल कर दिया। मामला थाने पहुंचने पर पुलिस बस तमाशा बनकर देखती रही।
दुस्साहस की हद
देहलीगेट के कोटला में शाम के समय आसिफ और शारिक पक्ष के लोगों के दुस्साहस की हद हो गई। शारिक और आसिफ ने सलीमुद्दीन के घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मकान के अंदर से गोलियों की आवाज पूरे मोहल्ले में गूंज रही थी। आसपास के लोग भी अपने घरों में दुबक गए। पड़ोसी अमन ने हिम्मत दिखाते हुए सलीमुद्दीन के परिवार को बचाने की कोशिश की। हमलावरों ने उसको भी गोली मार दी। अमन के पैर में गोली लगने से उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया है। हमलावर पूर्व मेयर के रिश्तेदार बताकर पुलिस पर रौब गालिब कर रहे थे। साथ ही पीडि़त पक्ष पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्व मेयर ने कहा कि आसिफ और शारिक से हमारी कोई रिश्तेदारी नहीं है, पुलिस आरोपित पक्ष पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि दोबारा से फायरिंग करने का दुस्साहस न कर सकें।
पुलिस देखती रही, थाने में भिड़ते रहे दोनों पक्ष
कोटला के बाद दोनों पक्ष थाने में पहुंच गए। देहलीगेट थाना परिसर दोनों पक्षों की भीड़ से खचाखच भरा हुआ था। थाने में ही कुछ लोग दोनों पक्षों का समझौता कराने लगे, जहां पर फिर से दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। हैरत की बात है कि कोटला में ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद भी पुलिस भीड़ को काबू करने में नाकाम रही। विवाद इतना हुआ कि मारपीट में थाने के अंदर एक महिला बेहोश हो गई। मामला अफसरों तक पहुंचा तक पुलिस हरकत में आई। उसके बाद दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
कहां से आए तमंचे और कारतूस
मामूली बात को लेकर बीच शहर में ताबड़तोड़ फायरिंग हो गई। सवाल है कि तमंचे और कारतूस कहां से आए। छह लोगों को पकडऩे के बाद भी पुलिस तमंचे और कारतूस बरामद नहीं कर पाई है। कोटला में फायरिंग की यह पहली घटना नहीं है, बल्कि मामूली बात को लेकर यहां ताबड़तोड़ फायरिंग होती है।