Bulandshahr Panchayat Chunav Result 2021: काउंटिंग के दौरान मतपत्रों की गड्डी घटाती बढ़ाती रहीं उम्मीदवारों की धड़कनें
बुलंदहशर में पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए उठती गड्डियां प्रत्याशियों की धड़कनें घटाती और बढ़ती रहीं। मतगणना के दौरान प्रत्याशियों की सांस अटकी रहीं। नतीजा आने के बाद ही प्रत्याशी राहत की सांस ले पाएं। हर उम्मीदवार हार जीत के गणित में उलझा रहा।
अमर सिंह राघव, बुलंदशहर। Bulandshahr Panchayat Chunav Result आखिर वो घड़ी आ ही गई थी, जिसका सभी प्रत्याशी और उनके समर्थकों को बड़ा ही बेसब्री से इंतजार था। पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए उठती गड्डियां प्रत्याशियों की धड़कनें घटाती और बढ़ती रहीं। मतगणना के दौरान प्रत्याशियों की सांस अटकी रहीं। नतीजा आने के बाद ही प्रत्याशी राहत की सांस ले पाएं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव के लिए मतदाताओं ने गुरुवार का अपना जनादेश सुना अपना फैसला मतपेटियों में बंद कर दिया था। चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशी और उनके समर्थक हार-जीत का गणित लगाते रहे। मतगणना शुरू होते ही प्रत्याशियों दिल धड़कन तेज होनी शुरू हो गई।
ऐसे हुईं धड़कनें तेज
सबसे पहले प्रधान पद की मतगणना शुरू कराई गई। प्रत्याशी और उनके मतगणना अभिकार्ताओं के सामने मतपेटिका खुलते ही प्रत्याशियों के चेहरे पर नतीजा घोषित होने की मुस्कान दौड़ गई लेकिन मतपत्रों की गिनती के लिए उठती गड्डियों ने चेहरे को मुरझा दिया। मतगणना कार्मिकों ने मतपेटिका खोल मतपत्रों की 50 -50 की गड्डी तैयार करने के बाद मतों की गिनती शुरू की। जब-जब गिनती के लिए मत पत्रों की गड्डी उठी तभी प्रत्यशियों की दिल धड़कनें तेज हुई। गड्डी की गिनती के बाद अगली गड्डी में अधिक वोट होंगे यह सोच धड़कने घटी। चुनाव का नतीजा आने तक प्रत्याशियों की सांस पर हार-जीत का भाव पहरा लगाता रहा है। मतगणना कक्ष केंद्र पर कोई भी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आया। मतगणना के बाद जीत का सेहरा भले ही किसी के सिर बंधा हो लेकिन मतगणना के बाद हार-जीत की तस्वीर साफ हो गई।
जीत ने लौटाई मुस्कान
मतगणना के परिणाम ने विजयी प्रत्याशी के चेहरे से गायब मुस्कान लौटाई। जीत के जोश ने प्रत्याशियों की थकान दूर कर दी।
घटत और बढ़त ने बढाई बेचैनी
पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा ङ्क्षजप सदस्य पद के प्रत्याशियों के मतों की गिनती की घटत- बढ़त बेचैनी बढ़ाती रहीं। पीछे रहने वाले प्रत्यशी सहमते रहे तो वहीं, बढ़त वाली प्रत्यशियों को हौंसला बढ़ता रहा।