मोबाइल टावरों से बीटीएस चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

मोबाइल टावरों से बीटीएस और अन्य सामान चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। सर्विलांस और लालकुर्ती पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है जबकि गिरोह के तीन सदस्य फरार है। उनके पास से एक बीटीएस और अन्य सामान भी बरामद हुआ है। एक माह में ही 12 टावरों को गिरोह ने निशाना बनाया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 03:56 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 03:56 AM (IST)
मोबाइल टावरों से बीटीएस चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
मोबाइल टावरों से बीटीएस चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

मेरठ, जेएनएन। मोबाइल टावरों से बीटीएस और अन्य सामान चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। सर्विलांस और लालकुर्ती पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के तीन सदस्य फरार है। उनके पास से एक बीटीएस और अन्य सामान भी बरामद हुआ है। एक माह में ही 12 टावरों को गिरोह ने निशाना बनाया था।

मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम अनित कुमार और एएसपी कैंट सूरज राय ने बताया कि कुछ समय से सदर, लालकुर्ती, भावनपुर और अन्य थाना क्षेत्रों में लगे टावर से बीटीएस चोरी हो रहे थे। इसके चलते ही फार-जी नेटवर्क प्रभावित होता था। कुछ दिनों में ही लालकुर्ती क्षेत्र में दो बार चोरी हो चुकी थी। सर्विलांस और थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी। टीम ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम विकास प्रजापति निवासी गांव माघपुर उदय चंद थाना सिवारा जिला बिजनौर हाल पता केपी गंगानगर, अर्जुन कश्यप निवासी गंगानगर, इकरामुद्दीन निवासी जाकिर कालोनी थाना लिसाड़ी गेट, मानू त्यागी निवासी गांव कोल थाना खरखौदा और आमिर निवासी थाना लिसाड़ी गेट बताए। फरार आरोपितों के नाम इसरार निवासी सिसौली थाना मुंडाली, तावीस निवासी फतेहुल्लहपुर लिसाड़ी गेट, और यूसुफ निवासी लिसाड़ी गेट हैं। उनके पास से चार बीटीएस, एक मोबाइल, 10 बीटीएस प्लेट, 13 टावर जंफर,तीन एफएसएमएम टावर, और 45 मीटर केबल समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। एसपी क्राइम ने बताया कि फरार आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है। टीम में लालकुर्ती थाना प्रभारी अतर सिंह, सर्विलांस प्रभारी योगेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक लोकेश अग्निहोत्री, संतरपाल, अमित, राहुल और अशोक कुमार आदि थे। इंजीनियर, व्यापारी और कबाड़ी तक गिरोह में शामिल

आरोपितों से जब अफसरों ने पूछताछ की तो वह भी चौंक गए। गिरोह में विकास, अर्जुन और मानू की मुख्य भूमिका है। इसमें सबसे पढ़ा लिखा विकास ही है। वह इंजीनियर है और नोएडा की एक कंपनी में काम करता है। अजुर्न की एस-फ्रिज की दुकान है। आमिर की परचून की दुकान है, जबकि मानू खेती करता है। इकरामुद्दीन कबाड़ी है। इसके अलावा तीनों फरार आरोपित को भी कबाड़ी बताया जा रहा है। हालांकि उनके पकड़े जाने पर ही सही जानकारी मिल पाएगी। पूछताछ में उन्होंने बताया कि 12 घटनाएं कर चुके हैं। विकास, अर्जुन और मानू चोरी करते थे। ढाई लाख का बीटीएस 10 हजार में बिक्री

एसपी क्राइम ने बताया कि एक बीटीएस की कीमत करीब ढाई लाख रुपये है, जो बदमाश नौ से दस हजार रुपये में कबाड़ी को बेच देते थे। इसके बाद वह आगे बेचता था। टीम अब खरीददारों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। इसके साथ ही आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

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