कोरोना ने तो छोड़ा पर अब ब्रेन फॉग ने घेरा, पोस्ट कोविड मरीजों में बढ़ी समस्या; जानें- विशेषज्ञों का क्या राय

Post Coronavirus Side Effects शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ने भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण को हरा दिया लेकिन इस दौरान शरीर में बने साइटोकाइन स्टार्म ने तंत्रिका तंत्र पर घातक असर छोड़ा है। कोरोना से उबरने वाले 35 फीसद मरीजों में ब्रेन फॉग जैसी दिमागी बीमारियां मिल रही हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:28 PM (IST)
कोरोना ने तो छोड़ा पर अब ब्रेन फॉग ने घेरा, पोस्ट कोविड मरीजों में बढ़ी समस्या; जानें- विशेषज्ञों का क्या राय
पोस्ट कोविड मरीजों में ब्रेन फॉग की समस्या बढ़ी गई है।

संतोष शुक्ल, मेरठ : Post Coronavirus Side Effects: शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ने भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण को हरा दिया, लेकिन इस दौरान शरीर में बने साइटोकाइन स्टार्म ने तंत्रिका तंत्र पर घातक असर छोड़ा है। कोरोना से उबरने वाले 35 फीसद मरीजों में ब्रेन फॉग जैसी दिमागी बीमारियां मिल रही हैं। याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता दगा दे गई है। नए न्यूरोलोजिकल डिसआर्डर उभरने की आशंका खड़ी हो गई है।

वायरल लोड ज्यादा तो असर भी घातक : मेरठ के मेडिकल कालेज में 4500 कोविड मरीजों का इलाज किया गया है। अब न्यूरोसाइकेट्री विभाग में बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें दिमागी बीमारियां पहले से थीं, उनमें मेमोरी लॉस, चिड़चिड़ापन, निर्णय लेने में कमी और गफलत ज्यादा मिली। ऐसे मरीजों में भी ब्रेन फॉग ज्यादा मिला, जिनके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ तेजी से एंटीबाडी बनी। साइटोकाइन स्टार्म से न सिर्फ फेफड़े, हार्ट, किडनी व अन्य अंगों पर घातक असर पड़ा, बल्कि तंत्रिका तंत्र भी चोटिल हुआ। पोस्ट कोविड मरीजों में एंजाइटी, डिप्रेशन, अरुचि, पैनिक डिसआर्डर, व आत्मविश्वास की भारी कमी है।

यह है ब्रेन फाग : दिमाग की निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है। याददाश्त में कमी ब्रेन फॉग का लक्षण है।

स्केल पर फेल हो रहे मरीज : मेडिकल कालेज की रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों की दिमागी या निर्णय लेने की क्षमता की जांच की गई, जिसे मिनी मेंटल स्टेटस स्केल कहते हैं। कई प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं। इस टेस्ट में व्यक्ति को 30 अंक पाना होता है, लेकिन पोस्ट कोविड मरीज 18-24 अंक ही जुटा पा रहे हैं।

कोरोना के गंभीर मरीजों में ब्रेन फॉग ज्यादा : न्यूरोसाइकेट्रिस्ट डॉ. तरुण पाल कहते हैं कि कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों में ब्रेन फॉग ज्यादा मिला। वायरल लोड ज्यादा होने और साइटोकाइन स्टार्म से तंत्रिका तंत्र के न्यूरान्स डिस्टर्ब हो गए, इसीलिए दिमागी बीमारियां उभरी हैं। गहरी नींद लें, जिससे तंत्रिका तंत्र रिपेयर होगा। पोषणयुक्त खानपान व नियमित व्यायाम करें।

क्या करें पोस्ट कोविड मरीज छह-आठ घंटे की नींद लें। इससे तंत्रिका तंत्र की मरम्मत होती है। शराब व अन्य नशों से बचें। नियमित योगाभ्यास करें, इससे दिमागी क्षमता बढ़ती है। अंकुरित अनाज, फल, व हरी सब्जियां खाएं। वसायुक्त व मसालेदार चीजों से बचें। सामाजिक कार्यों में भागीदारी रखें। आपसी संवाद बढ़ाएं।

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